बनारस में ट्रैफिक जाम और अतिक्रमण से जूझ रही पब्लिक जिम्मेदार एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी


वाराणसी (ब्यूरो)बीते दिनों पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में सामने आया कि मैदाग्नि और सिगरा समेत कई चौराहों पर 5 से 14 घंटे तक जाम लग रहा है। वैसे तो ट्रैफिक जाम बनारस में आम है, पर इसके प्रमुख कारणों में से एक अतिक्रमण है। इसको लेकर जिम्मेदार महकमे से बात की गई तो इसके लिए उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं और पब्लिक से सहयोग की अपील की है। दरअसल, नियमों की अनदेखी के चलते ट्रैफिक जाम और अतिक्रमण से बनारस की जनता जूझ रही है। पब्लिक भी अपनी सहूलियत को देखते हुए रास्ता निकाल लेती है, लेकिन अगर इस समस्या को जड़ से समाप्त करना है उन्हें भी ट्रैफिक एजुकेशन को जानना पड़ेगा।

अतिक्रमण के लिए पुलिस जिम्मेदार

सड़कों पर अतिक्रमण कर दुकान सजाने, जगह-जगह टेंपो खड़ा करने से भी जाम लगता है। इसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ता है। हालांकि, समय-समय पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलता है। लेकिन वह महज खानापूर्ति बनकर रह जाता है।

स्थानीय लोग करते विरोध

निगम अमले ने पब्लिक से अतिक्रमण हटाने में सहयोग की अपील की। चूंकि, घर से उतरते ही सब्जी व फल मिल जाता है, जबकि कुछ ही दूरी पर सब्जी मंडी व फल मंडी है। हमारी टीम कई बार जब सब्जी व अन्य रेहड़ी को हटाने जाती है तो दूर नहीं जाने के कारण स्थानीय लोग भी इसका विरोध करने लगते हैैं.

ट्रैफिक विभाग की रिपोर्ट

ट्रैफिक विभाग के अनुसार, हाल के वर्षों से जिस तेजी से शहर की आबादी और वाहनों की संख्या बढ़ी है, उससे शहर में ट्रैफिक पर दवाब अधिक हो गया है। लेकिन, उस हिसाब से शहर में वैकल्पिक सड़कों का विकास नहीं हुआ। इस कारण ट्रैफिक जाम की समस्या लाइलाज मर्ज बन चुका है। यही नहीं काशी में पब्लिक भी बेतरतीब चलती है।

व्यापारियों ने बनाई थी ट्रैफिक ब्रिगेड

महानगर उद्योग व्यापार समिति के अध्यक्ष प्रेम नारायण मिश्रा ने बताया, पिछली सरकार में तत्कालीन अधिकारियों के कहने पर हम लोगों ने यातायात नियोजन समिति बनाई थी। ट्रैफिक जाम से निजात के लिए अधिकारियों संग उनकी तीन माह तक बैठक चली थी। इस दौरान हर क्षेत्र के व्यापारियों से राय लिया जाता था, ताकि व्यापार व ट्रैफिक दोनों सुगम चल सके। इस दौरान उनकी टीम ने चौराहों व गलियों में जाकर जाम के कारण को जाना और प्वाइंट आउट किया था। समिति ने 100 ट्रैफिक ब्रिगेड तैयार किया, जिन्हें अपने खर्च पर छह हजार रुपये प्रति माह दिया गया। एक माह बाद ही ट्रैफिक में सुधार नजर आने लगा। अगर फिर से विभाग उन्हें सहयोग मांगता है तो हम लोग इसके लिए तैयार हैैं।

कहां लग रहा कितना जाम

चौराहा जाम की अवधि

मंडुवाडीह चौराहा 9 घंटे

मालवीय चौराहा लंका 8 घंटे

भेलूपुर चौराहा 5 घंटे

सिगरा चौराहा 11 घंटे

पांडेयपुर चौराहा 9 घंटे

गिरिजाघर चौराहा 9 घंटे

मैदागिन चौराहा 14 घंटे

(नोट: लोक निर्माण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख चौराहों पर जाम की यह स्थिति है.)

नगर निगम की टीम अतिक्रमण तो हटा देती है, लेकिन लोग दोबारा अतिक्रमण कर लेते हैैं। इसके लिए स्थानीय पुलिस थाना भी जिम्मेदार है। इसलिए हम अतिक्रमण हटाने की फोटग्राफ भी संबंधित थाना को भेज देते हैैं, ताकि उन्हें इसकी जानकारी रहे.

कर्नल संजय शर्मा, प्रवर्तन प्रभारी नगर निगम

Posted By: Inextlive