सरकारी स्कूल के बदहाल टायलेट्स मुद्दे पर शहरवासियों ने खुलकर रखी अपनी बात

वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी के सरकारी स्कूलों में बदहाल लड़कियों और लड़कों के टायलेट की बदहाली को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शुक्रवार को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग और स्थानीय समिति की लापरवाही से सरकारी स्कूलों में बदहाल और गंदे टायलेट के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ गई और लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी। कई महिलाओं ने विद्यालय समिति को जिम्मेदार ठहराया तो कई लोगों ने प्रिंसिपल से लेकर शिक्षा महकमे के अधिकारियों को निशाने पर लिया। यही नहीं छात्र-छात्राओं को हो रही दिक्कतों के मद्देनजर नसीहत तक दे डाली। वहीं, वीआईपी मूवमेंट पर स्कूल को चमकाने का आरोप भी मढ़ा। जबकि ग्राउंड पर जिले के सैकड़ो स्कूलों में टॉयलेट की बदहाली किसी से छुपी नहीं है।

ट्विटर पर वाराणसी जनपद के शिक्षा विभाग को नसीहत देते हुए यूजर विजय कुमार विश्वकर्मा लिखते हैैं कि परिषदीय विद्यालयों को जान बुझकर बदहाल किया जा रहा है। इन स्कूलों में कम इनकम वाले लोगों के बच्चे पढ़ते हैैं। लिहाजा, लापरवाह शिक्षक और अधिकारी ध्यान नहीं देते हैैं।

जल्द किया जाए सुधार

यूजर मनोज कुमार गुप्ता ट्वीट करते हैैं कि कई स्कूलों की व्यवस्था अच्छी है तो कई दुर्दशा के शिकार भी हैैं। बच्चियों को दिक्कत न हो, इसलिए जल्द से जल्द सुधार करने की जरूरत है.

जिम्मेदार हुए बेखबर

कृष्ण कुमार मौर्यवंशी ट्वीट करते हैैं कि स्कूलों में वीआईपी मूवमेंट होने पर ही इनकी व्यवस्था को दुरुस्त किया जाता है। इनके जाने के बाद सभी जिम्मेदार बेखबर हो जाते हैैं और छात्राएं परेशान होती रहतीं है। आईनेक्स्ट को धन्यवाद कि समाज के ज्वलंत मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

आखिर काम क्या है?

प्रतिभा सिंह सरकारी स्कूलों के प्रबंधन समिति की कमियों को उजागर करती हुईं ट्वीट करती हैैं कि स्कूल प्रबंधन समिति का आखिर काम क्या है? शिक्षक इंस्पेक्शन के दिन बच्चों को बटार लेते हैैं। ड्रॉप आउट बच्चों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। पढ़ाई का स्तर भी गिर गया है। टायलेट तो इनकी सूची में सबसे नीचे हैै। हाईजीन तो दूर की बात कई स्कूलों के टायलेट रूम में ताला बंद रहता है।

साफ रखें टॉयलेट

अनीता सिंह लिखती हैैं कि टीचरों और जिम्मेदारों को चाहिए कि कम से कम छात्राओं के टायलेट को साफ और दुरुस्त रखें। ताकि बच्चियों को किसी प्रकार से असुविधा न हो। साथ ही बेहतर व्यवस्था मिलने से छात्र-छात्राओं का शिक्षा में मन लगा रहता है.

प्रमुखता से उठाएं

विशाल मौर्य काशी लिखते हैैं शहर के अलावे ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में बने टायलेट की बदहाली को प्रमुखता से उठाया जाए। ताकि पीएम मोटी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी न हो। स्कूलों में लापरवाह शिक्षकों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि ये फ्यूचर में गलती न दुहरा सकें।

Posted By: Inextlive