डीजीपी ने भेलूपुर थाने से इंवेस्टिगेशन हटाने का निर्देश दिया हॉस्टल की छत से गिरने पर छात्र की संदिग्ध हाल में हुई थी मौत

वाराणसी (ब्यूरो)मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र की हत्या की जांच भेलूपुर थाने की पुलिस से हटा कर किसी अन्य से कराने का निर्देश दिया गया, जो डीजीपी डीएस चौहान ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश को दिया। इस संबंध में छात्र के चाचा रवींद्र मिश्रा ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी.

12 जुलाई की शाम हुई थी मौत

प्रतापगढ़ के शेषपुर अठगवां गांव निवासी धर्मेंद्र मिश्र का बेटा नीतेश मिश्रा (20) शुकुलपुरा क्षेत्र में किराये पर कमरा लेकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी करता था। बीती 12 जुलाई की शाम तीन मंजिला हॉस्टल की छत से संदिग्ध हाल में नीचे गिरने से नीतेश की मौत हो गई थी। नीतेश के चाचा रवींद्र मिश्रा के अनुसार उनका भतीजा तीन मंजिला छत से नीचे गिरा लेकिन उसके मोबाइल में खरोंच तक नहीं आई। इसी वजह से उन्हें हत्या की शंका हुई। इस घटना के पहले उनके भतीजे का कुछ लड़कों से विवाद भी हुआ था। उनके काफी प्रयास के बाद सीनियर अफसरों के निर्देश पर भेलूपुर थाने में 20 जुलाई को नीतेश के हॉस्टल के 11 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.

रवैया देखने के बाद शिकायत

रवींद्र मिश्रा ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। उल्टे आरोपियों को थाने पर बैठा कर उन्हें चाय-नाश्ता करा रहे थे। आरोपियों के प्रति इंस्पेक्टर भेलूपुर की सहानुभूति देख कर उन्हें लगा कि निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी। इसलिए उन्होंने सीएम, डीजीपी के साथ ही शासन-प्रशासन के अन्य आला अफसरों को पत्र भेजने के साथ ही जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी। उनकी शिकायत के आधार पर डीजीपी ने आदेश दिया है कि मुकदमे की जांच भेलूपुर थाने की बजाय कहीं और से कराई जाए.

रिपोर्ट को आरटीआई का सहारा

रवींद्र मिश्रा ने बताया कि उनके भतीजे की मौत की जांच के लिए बीती 28 जुलाई को लखनऊ से फोरेंसिक टीम आई थी। फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट अभी तक उन्हें नहीं मिल पाई है। इसके लिए उन्होंने अब जनसूचना अधिकार का सहारा लिया है। आरटीआई के माध्यम से एसीपी भेलूपुर से अनुरोध किया है कि वह फारेंसिक टीम की रिपोर्ट उन्हें दें.

Posted By: Inextlive