एक्सीडेंट से मातम
- 16 वर्षीय साइकिलिस्ट तनिष्क और 17 वर्षीय ऑलराउंडर प्लेयर सहर्ष की हाल ही में हुई सड़क हादसों में मौत
- घर के लाडले, स्कूल के होनहार और मोहल्ले के चहेते थे दोनों खिलाड़ी, घर में मातम, मोहल्लों में सन्नाटा देहरादून,सड़क हादसों ने दून के दो होनहार बेटों की जान ले ली। 16 वर्षीय साइकिलिस्ट तनिष्क और सेंट जोसेफ्स एकेडमी के ऑलराउंडर प्लेयर 17 वर्षीय सहर्ष की मौत के बाद न केवल उनके घरों में मातम है, बल्कि उनके मोहल्लों में सन्नाटा पसरा हुआ है। अपनी प्रतिभा और मिलनसार व्यवहार के चलते हर कोई उनकी मौत से गमगीन है। दोनों बच्चे घरवालों की जान तो थे ही, स्कूल के होनहार और कॉलोनी के चहेते भी थे। उनकी मौत से परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे और दोनों के घरों में शोक संवेदना देने वालों का तांता लग रहा है। सबका यही कहना है कि दून ही नहीं उत्तराखंड ने दो होनहार स्टूडेंट्स और प्लेयर्स को खो दिया है।
केस 1- तनिष्क के घर मातम, मोहल्ले में सन्नाटाबीते 2 नवंबर को नेशनल साइकिलिंग कॉम्पिटीशन की तैयारी करने के लिए टिहरी के लिए निकला तनिष्क घर नहीं लौटा। सड़क हादसे में उसकी जान चली गई। दून स्थित अजबपुर के एकता कॉलोनी में तनिष्क का परिवार रहता है। परिवार में पिता नरेश चौधरी, मां और एक छोटा भाई है। तनिष्क के घर में मातम और मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है। तनिष्क के पैरेंट्स टूट चुके हैं और सदमे में हैं।
अधूरा रह गया तनिष्क का सपना तनिष्क के पैरेंट्स का कहना है कि उसे साइकिलिंग का काफी क्रेज था। वह नेशनल साइकिलिंग कॉम्पिटीशन में पार्टिसिपेशन के लिए जी-तोड़ मेहनत में जुटा था। लेकिन, उसका सपना अधूरा रह गया। 14 अप्रैल को तनिष्क का बर्थडे आता है, पैरेंट्स उसका सपना पूरा करने के लिए उसके बर्थडे पर साइकिलिंग चैंपियनशिप कराने की मांग कर रहे हैं। दो माह पहले दादा ने की थी साइकिल गिफ्ट दो माह पहले ही तनिष्क को उसके दादा ने महंगी साइकिल गिफ्ट की थी, जिसको लेकर वह बहुत खुश था। दून का कोई भी ऐसा साइकिलिंग गु्रप नही है, जो तनिष्क को न जानता हो। दून ही नहीं उत्तराखंड के कोने-कोने से कई साइकिलिंग ग्रुप्स के मेंबर तनिष्क के घर शोक संवेदना प्रकट करने आ रहे हैं। साथ लंच किया, कुछ ही देर में एक्सीडेंटतनिष्क की पड़ोसी सोशल वर्कर आशा मनोरमा डोबरियाल ने हादसे वाले दिन का पूरा वाकया सुनाते हुए कहा कि 2 नवंबर को तनिष्क सुबह 6 बजे साइकिल से टिहरी के लिए निकला था। उसकी हौसला-अफजाई के लिए 9 बजे दून से उसकी फैमिली भी पीछे-पीछे निकली। सुरकंडा के पास परिवार तनिष्क से मिला और एक साथ लंच भी किया। इसके बाद तनिष्क टिहरी की ओर और उसकी फैमिली दून के लिए रिटर्न हुई, लेकिन रास्ते में ही एक्सीडेंट की सूचना मिल गई कि एक कार ने तनिष्क को टक्कर मार दी है और उसकी मौत हो गई है। परिवार की खुशी मातम में बदल गई।
------------------------------ केस-2 देहरादून। हरिद्वार बाईपास स्थित कुंजापुरी कॉलोनी निवासी ऑलराउंडर प्लेयर 17 वर्षीय सहर्ष कोठियाल ने भी सड़क हादसे में अपनी जान गंवा दी। ट्यूजडे को टू-व्हीलर ड्राइव करते हुए एक अन्य टू-व्हीलर ने उसे हिट किया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। सहर्ष सेंट जोसेफ्स एकेडमी में 12वीं का स्टूडेंट था स्पोर्ट्स में उसे खासी रुचि थी। खेल में महारत, टीचर्स का चहेता सहर्ष अपने स्कूल की क्रिकेट टीम का कैप्टन था। फुटबॉल और बैडमिंटन का भी वह अच्छा खिलाड़ी था। अपनी इसी प्रतिभा के कारण स्कूल में वह सभी टीचर्स का चहेता था। वह सेंट जोसेफ्स कॉलेज में 12वीं (पीसीएम) का स्टूडेंट था, पढ़ाई में अव्वल होने के साथ-साथ हर स्पोर्ट्स एक्टिविटी में वह भाग लेता था।बेटे के मेडल देख बार-बार बेसुध हो रही मां
सहर्ष की मौत के गम में उसकी मां सीमा कोठियाल के आंसू नहीं रुक रहे हैं। वह बार-बार बेटे के जीते हुए मेडल और उसकी तस्वीर देखती है और बेसुध होकर जमीन पर गिर जाती है। सहर्ष के मामा संजय बडोनी ने बताया कि वह घर में सबसे छोटा था, इसलिए सबका लाड़ला था। बहन कनाडा से वीडियो कॉल कर मां को बंधा रही ढांढ़स सहर्ष की मां सीमा कोठियाल ऋषिकेश के हरीश चंद्र इंटर कॉलेज में टीचर है और पिता श्रीश कोठियाल सीमा डेंटल कॉलेज में काम करते हैं। उसकी बड़ी बहन स्वास्तिक कोठियाल कनाडा से एमबीए कर रही है। सहर्ष की बहन इन दिनों कनाडा में है, वह बार-बार वीडियो कॉल करके मां को ढांढ़स बंधा रही है। लेकिन मां के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।