लंबे इंतजार के बाद एमडीडीए ने वन टाइम सेटलमेंट ओटीएस स्कीम शुरू की है। स्कीम के तहत इलीगल भवन निर्माण को लीगल करने के लिए दस्तावेजों के साथ कंपाउंडिंग नक्शा आर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन जमा तो किए जा रहे हैं। लेकिन आवेदनकर्ता कंपाउंडिंग शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं। नियमानुसार आवेदनकर्ता को कंपाउंडिंग होने वाले नक्शे में लगने वाले कुल शुल्क का 50 परसेंट आवेदन साथ एडवांस जमा करने की बाध्यता है। लेकिन लोग आवेदन तो कर रहे हैं लेकिन कंपाउंडिंग शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं। जिससे इन नक्शों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

देहरादून (ब्यूरो) बताया जा रह है कि ओटीएस स्कीम में इलीगल निर्माण को कंपाउंड करने के लिए 50 परसेंट कंपाउंडिंग शुल्क एडवांस में आवेदन के साथ जमा करने का नियम है। लेकिन किस कैल्कुलेशन से और कितनी छूट के साथ टोटल शुल्क का निर्धारण होगा, यह कई आर्किटेक्ट को पता ही नहीं है। इसलिए आर्किटेक्ट ऑनलाइन आवेदन बगैर शुल्क जमा कर हैं, जिससे अब तक सभी नक्शे पेडिंग पड़े हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं चल रही है।

कम आ रहे आवेदन
50 परसेंट एडवांस जमा करने की बाध्यता के चलते ओटीएस स्कीम के लिए नक्शे कम आ रहे हैं। पिछले 25 दिन में 80 के करीब नक्शे ऑनलाइन जमा हुए हैं। प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि शुल्क अधिक होने से लोग कंपाउंडिंग शुल्क जमा नहीं करा पा रहे हैं। एडवांस शुल्क घटाने पर अधिक लोग आवेदन कर सकते हैं।

कंपाउंडिंग शुल्क के बाद प्रॉसेस
नियमानुसार ओटीएस स्कीम में टोटल पैनल्टी का आधा जमा करने पर ही फाइल प्रॉसेस होती है, लेकिन शुल्क जमा न होने पर सभी नक्शों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है इस नियम में बदलाव के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। शासन से अनुमति मिलने के बाद कंपाउंडिंग नक्शों पर कार्रवाई की जाएगी।

नक्शा रिजेक्ट तो एडवांस वापस नहीं
यदि किसी कारण वश ओटीएस के लिए लगाया गया कंपाउंडिंग नक्शा रिजेक्ट होता है तो प्राधिकरण के नियमों के अनुसार 50 परसेंट एडवांस शुल्क वापस नहीं मिलता है। इस वजह से भी आवेदन कम आने की बात की जा रही है। लोग 10 परसेंट तक एडवांस शुल्क देने की मांग कर रहे हैं।

बड़े निर्माण भी शामिल करने तैयारी
ओटीएस में अब तक केवल आवासीय भवनों को लीगल कराने का नियम है। लेकिन अब प्राधिकरण इसमें मॉल, कॉम्प्लेक्स समेत अन्य छोटे-बड़े सभी कॉमर्शियल भवनों को भी स्कीम में शामिल करने का नियम जोडऩे जा रहा है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। कंपाउंडिंग शुल्क कम करने के साथ ही कॉमर्शियल निर्माण को स्कीम के तहत लाया जा सकता है।

दून में हजारों निर्माण इलीगल
दून में तकरीबन 35 हजार निर्माण अवैध हैं। ये तो वो निर्माण हैं, जो एमडीडीए में मानकों के अनुरूप न होने से पेंडिंग पड़े हुए हैं। इसमें करीब 20 हजार रेजीडेंशियल बिल्डिंग और कॉमर्शियल दुकान व कॉम्प्लेक्स 15 हजार के लगभग हैं।

70 परसेंट तक छूट
ओटीएस के तहत कंपाउंडिंग 2017 के सर्किल रेट पर होगी। इससे कंपाउंडिंग कराने वालों को 70 परसेंट तक छूट का लाभ मिल सकता है। दरअसल अवैध निर्माण के नक्शे को स्वीकृत कराने में वर्तमान में 4 लाख रुपए पैनल्टी लग रही है तो ओटीएस स्कीम में इस पर करीब डेढ़ लाख रुपए तक सेटलमेंट हो जाएगा। ओटीएस में मिलने वाली छूट से हजारों नक्शे स्वीकृत हो सकते हैं। इससे जहां निर्माण लीगल हो जाएगा वहीं प्राधिकरण को राजस्व मिलेगा।

वार्डों में लगाए जाएंगे कैंप
प्राधिकरण के सहायक अभिंयता सुधीर कुमार ने बताया कि अधिक से अधिक निर्माण वैध करने के लिए जागरूकता कैंप लगाए जाएंगे। योजना में सभी प्रकार के निर्माण को शामिल किया गया है, लेकिन निर्माण 31 दिसंबर 2023 तक पूरा हो गया हो वही लिया जाएगा।

आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
- आधार कार्ड
-निर्माण की डिटेल
-पासपोर्ट साइज फोटो
-जाति प्रमाण पत्र
-आय प्रमाण पत्र
-बैंक अकाउंट डिटेल
-मोबाइल नंबर
-आर्किटेक्ट द्वारा ड्रॉ मैप

ये नक्शे होंगे कंपाउंड
-एकल आवास
-कॉमर्शियल बिल्डिंग
-आवासीय भू उपयोग में दुकान
-आवासीय एरिया में नर्सिंग होम
-पैथॉलाजी लैब
-डायग्नोस्टिक सेंटर
-नर्सरी स्कूल के भवन

एमडीडीए व आवेदकों को नुकसान
जानकारों की मानें जिस प्रकार से ओटीएस में वन टाइम सेटलमेंट का वर्तमान में प्रावधान है। उस लिहाज से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के साथ ही लोगों को भी नुकसान हो रहा है। दरअसल, नियमानुसार इलीगल निर्माण को लीगल करने में जिस प्रकार से 50 परसेंट राशि एडवांस जमा करने का प्रावधान है। कई आवेदकों को लाखों की राशि एडवांस में जमा करना पड़ रहा है, जो आम लोगों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। वहीं, आवेदकों को इस बात की भी चिंता सता रही है कि 50 परसेंट एडवांस जमा कर भी दिया गया। कारणवश, फाइल रिजेक्ट होती है। तो ऐसी स्थिति में एडवांस जमा राशि वापस नहीं होगी। बदले में दोबारा से फाइल प्रॉसेस शुरू की जाएगी। ऐसे में लोगों में चिंता बनी हुई और वे ओटीएस के लिए आवेदन करने से परहेज कर रहे हैं।

आवेदन के साथ 50 परसेंट शुल्क एडवांस करने का नियम है। कई लोग इस राशि को कम करने की मांग कर रहे हैं। इस पर विचार किया जा रहा है। शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। शासन की अनुमति के बाद ही इस पर कार्रवाई हो सकेगी।
-एचसीएस राणा, अधीक्षण अभियंता, एमडीडीए

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Posted By: Inextlive