अक्षयपात्र योजना पर ग्रहण!
अक्षयपात्र के लिए नहीं मिल पा रही शहर में जमीन
- जिले के मैदानी इलाकों में अक्षयपात्र को सौंपा जा रहा मिड डे मील का काम -एक जगह खाना बनाकर भेजना होगा सभी स्कूलों को DEHRADUN : राज्य सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में मिड-डे मील का काम अक्षयपात्र योजना के तहत एक गैर सरकारी संस्था को सौंपने का निर्णय लिया है। लेकिन संस्था को जमीन उपलब्ध कराना जिला प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पिछले कई दिनों से प्रशासन की ओर से संस्था के प्रतिनिधियों को कई स्थानों पर जमीन दिखाई जा चुकी है, लेकिन फिलहाल संस्था को कोई भी जमीन पसंद नहीं आ रही है। कैबिनेट ने लिया था फैसलाराज्य कैबिनेट ने पिछले दिनों एक राज्य के मैदानी क्षेत्रों में मिड-डे मील का काम अक्षयपात्र योजना के तहत एक निजी संस्था को सौंपने का फैसला किया था। राज्य सरकार और संस्था के बीच हुए करार के अनुसार राज्य सरकार को जमीन उपलब्ध करवानी है। राज्य सरकार ने देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों के डीएम को जमीन उपलब्ध करवाने के लिए कहा है, लेकिन हरिद्वार के अलावा अभी तक किसी भी जिले में जमीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है।
पसंद नहीं आ रही जमीनअक्षयपात्र संस्था को पिछले कुछ दिनों में देहरादून में कई जगहों पर जमीन दिखाई जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई भी जमीन संस्था को पसंद नहीं आई है। दरअसल अक्षयपात्र के सामने सबसे बड़ी शर्त ये है कि उसे एक जगह पर खाना बनाकर वाहनों से सभी स्कूलों में भेजना है। ऐसे में संस्था को ऐसी जगह जमीन की जरूरत है, जो किसी बीच की जगह पर हो। देहरादून में अक्षयपात्र के अन्तर्गत वाले क्षेत्र ऋषिकेश से लेकर विकासनगर तक हैं, ऐसे में बीच की जगह देहरादून शहर और इसके आसपास ही है, लेकिन इस क्षेत्र में कहीं भी जमीन उपलब्ध नहीं है।
क्ख् बीघा जमीन की मांग अक्षयपात्र ने प्रशासन से देहरादून में क्ख् बीघा जमीन मांगी है। संस्था का कहना है कि उसे सभी स्कूलों को खाना तैयार करने के लिए बड़े कीचन की जरूरत तो होगी ही, साथ ही भोजना सप्लाई करने के लिए दर्जनों वाहनों की भी जरूरत होगी, जिन्हें लोड-अनलोड ओर पार्क करने के लिए काफी जगह की जरूरत होगी। कहां-कहां दिखाई जमीनजिला प्रशासन की ओर से संस्थान को सबसे पहले डोईवाला में जमीन दिखाई गई थी, लेकिन यह जमीन काफी दूर है, यहां से विकासनगर जैसे क्षेत्र में गरम खाना पहुंचाना संभव नहीं है। इसके बाद रायपुर के पास जमीन दिखाई गई, लेकिन यह जमीन जरूरत से काफी कम थी, लिहाजा इसे भी रिजेक्ट कर दिया गया। अब विकासनगर में जमीन दिखाई गई है। इस जमीन के बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है। प्रशासन के सूत्रों के अनुसार संभवत: यह जमीन फाइनल हो जाएगी। लेकिन यदि ऐसा हुआ तो ऋषिकेश जैसे जगह तक गरम भोजना समय पर पहुंचाना बड़ी चुनौती होगी। वैसे भी शर्तो के अनुसार स्कूलों की दूरी किचन से निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। देहरादून में एक ही किचन बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है।
जल्द भूमि चयन के निर्देश इस बीच अपर राज्य परियोजना निदेशक डा। मुकुल कुमार सती ने सभी डीएम को आदेश दिए हैं कि अक्षयपात्र योजना के तहत भूमि का चयन कर संस्था को सौंपा जाए। उन्होंने देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों को डीएम को खासतौर पर आदेश दिये हैं कि अक्षयपात्र के लिए जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध करवायें, ताकि यह योजना जल्द लागू की जा सके।अक्षयपात्र के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। शहर में इतनी बड़ी जमीन कहीं उपलब्ध नहीं है, ऐसे में शहर के आसपास कोई ऐसी जगह तलाश की जा रही है, जहां से सभी स्कूलों तक पहुंच आसान हो। जल्दी ही जमीन तलाश ली जाएगी।
-बीर सिंह बुदियाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व