अब न बिजली की बिलिंग का झमेला होगा न रीडिंग का झंझट और न ही कनेक्शन कटने का सिरदर्द बिजली निगम की दौड़ भी नहीं लगानी पड़ेगी. जी हां उत्तराखंड में अब जल्द ही बिजली व्यवस्थाओं में कई बड़े बदलाव किए जाने की तैयारी है.

- बिजली सिस्टम में बड़े बदलाव की तैयारी में है सरकार
- पूरी तरह ऑनलाइन होगा पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम

देहरादून, ब्यूरो: अब न बिजली की बिलिंग का झमेला होगा, न रीडिंग का झंझट और न ही कनेक्शन कटने का सिरदर्द, बिजली निगम की दौड़ भी नहीं लगानी पड़ेगी। जी हां, उत्तराखंड में अब जल्द ही बिजली व्यवस्थाओं में कई बड़े बदलाव किए जाने की तैयारी है। आने वाले कुछ समय में 24 घंटे बिजली मुहैया होगी। इसके लिए घरेलू और कॉमर्शियल सभी उपभोक्ता अपने मोबाइल से ही एप के जरिए बिजली रिचार्ज कर सकेंगे। जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी वह बाजार से मोबाइल की तरह रिचार्ज कूपन खरीद कर घर की बिजली को रिचार्ज करवा सकते हैं। रिचार्ज खत्म होते ही सेवा ठप हो जाएगी। दोबारा रिचार्ज करने पर फिर बिजली ऑटोमैटिक चालू हो जाएगी। प्रदेश में जल्द केंद्र सरकार की रिबेंट डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) लागू होने जा रही है।

डेली का बिजली कंजप्शन दिखेगा डिस्पले पर
उपभोक्ता द्वारा रोजाना कितनी यूनिट बिजली कंज्यूम की गई है और कितने पैसे की बिजली शेष रह गई है। यह सब स्मार्ट मीटर के साथ लगे सब डिसप्ले पर दिख जाएगा। बिजली रिचार्ज 24 घंटे में कभी भी किया जा सकता है। अब तक ये सारा काम मैन्युअली होता था, लेकिन आरडीएसएस स्कीम लागू होने के बाद पावर सेक्टर पूरी तरह ऑन लाइन मोड में संचालित होगा।

बिजली सेंटर हो जाएंगे बंद
निगम अधिकारियों की मानें तो आरडीएसएस स्कीम लागू होने के बाद ऊर्जा निगम में संचालित बिलिंग सेंटर बंद हो जाएंगे। ऑनलाइन रिचार्जिंग के बाद बिलिंग सेंटरों की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में कार्मिक आधे से कम हो जाएंगे। रिचार्जिंग का पूरा लेखा-जोखा डाटा सेंटर में स्टोर होगा।

बिल ज्यादा आने की शिकायत भी नहीं
सबसे ज्यादा लोग बिजली के बिल में कभी-कभी बेतहाशा बढ़ोत्तरी की शिकायत करते हैं, लेकिन भविष्य में लोगों की यह शिकायतें नहीं मिलेंगी। अब मोबाइल की तरह ही जितने का रिचार्ज कराएंगे उतनी ही बिजली मिलेगी। इसके बाद बिजली निगम के दफ्तरों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।

गबन और बिजली चोरी पर लगेगा अंकुश
रिचार्जिंग सिस्टम लागू होने के बाद कैश फ्लो न के बराबर रह जाएगा। इससे बिलिंग सेंटरों पर होने वाले कैश के गबन का झंझट जहां खत्म होगा वहीं बिजली चोरी पर भी लगाम लगेगी। लॉइन लाइस की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। सब स्टेशन से लेकर ट्रांसफार्मर तक स्मार्ट मीटर लगेंगे, जो सप्लाई की जा रही एक-एक यूनिट का हिसाब रखेंगे। बिलिंग में लगने वाले लाखों रुपये के कागज की भी बचत होगी।
प्रदेश में आरडीएसएस स्कीम के तहत पूरा बिजली सिस्टम ऑनलाइन होने जा रहा है। अन्य सुविधाओं की तरह बिजली भी रिचार्जिंग कूपन और एप के जरिए मिलेगी। इसके लिए तैयारियां चल रही है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया प्रोसेसिंग में है।
अमित कुमार शर्मा, अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम, देहरादून

Posted By: Inextlive