नई बिल्डिंग ने बढ़ाई वन स्टॉप सेंटर की दिक्कत
पीडि़त महिलाओं को ठहराया जा रहा वर्किंग वूमेन हॉस्टल में
हेल्प लाइन 181 का ऑफिस यहां खुलने से परेशानी बढ़ेगी देहरादून। वन स्टॉप सेंटर की नई बिल्डिंग बनते ही पीडि़त महिलाओं और स्टाफ की दिक्कत बढ़ गई। दरअसल जिस तरह से सेंटर का स्ट्रक्चर रेडी किया गया था। उसमें चेंज किया जा रहा है। ऊपर आश्रम और एडमिनिस्ट्रेशन का रूम बनाने के बावजूद यहां हेल्प लाइन 181 का ऑफिस खुलने जा रहा है। ऐसे में पीडि़त महिलाओं को कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल में ठहराया जा रहा है। -- ये था स्ट्रक्चरअब तक सर्वे चौक के पास स्थित वन स्टॉप सेंटर के कार्यालय का तीन दिन पहले ही शुभारंभ सीएम ने किया है। यहां जो स्ट्रक्चर रेडी किया गया है, उसके हिसाब से नीचे सेंटर का पूरा स्टाफ बैठ रहा है। जबकि फर्स्ट फ्लोर पर आश्रय रूम के साथ ही एडमिनिस्ट्रेशन का रूम बनाया गया है। ताकि रात-बेरात कोई दिक्कत होने पर सेंटर की एडमिनिस्ट्रेशन वहां रुक सके। इस हिसाब से सभी महिलाएं, होमगार्ड सब एक ही जगह बैठते।
-- ये कर दिया परिवर्तनवूमेन हेल्पलाइन 181 की ओर से भी लंबे समय से सुद्धोवाला से ऑफिस शहर में शिफ्ट किए जाने की मांग की जा रही है। सूत्रों की माने तो 181 रन करने वाली एनजीओ के दबाव के बाद वन स्टॉप सेंटर के ऊपर ही हेल्पलाइन को शिफ्ट किया जा रहा है। इससे वन स्टॉप सेंटर का स्ट्रक्चर पूरी तरह से चेंज हो जाएगा। महिलाओं के आश्रय रूम में हेल्पलाइन चलाए जाने की तैयारी चल रही है।
-- ऐसे होगी दिक्कत तीन दिन पहले तक वन स्टॉप सेंटर का ऑफिस वहां स्थित वीरांगना तीलू रौतेली कामकाजी महिला छात्रावास में चल रहा था। जिसमें 96 रूम हैं। बेहद बड़ा होने की वजह से कई बार यहां रात को होमगार्ड भी डर जाते थे। तब शाम तक यहां पूरा स्टाफ बैठता था। बीच-बीच में स्टाफ वाले पीडि़त महिलाओं का हाल जानने भी पहुंच जाते थे। अब 181 की शिफ्टिंग की वजह से इन महिलाओं को नए बने आश्रय रूम नहीं मिल पाएंगे। बल्कि ये पहले की तरह हॉस्टल में ही रहेंगी। -- होमगार्ड्स का बढ़ा कामनई व्यवस्था में होमगार्ड्स का काम बढ़ गया है। रात को उन्हें पीडि़त महिलाओं की सुरक्षा के लिए हॉस्टल में ड्यूटी देनी होगी तो कोई नया केस या किसी वर्कर के आने पर तुरंत सेंटर के कार्यालय में भी जाना होगा। ऑफिस शिफ्ट होने के बाद भी महिलाएं हॉस्टल में ही पहुंच रही हैं। जिनके पीछे होमगार्ड दौड़कर उनको वापस ला रही हैं। इससे परेशान होकर सैटरडे को आखिरकार सेंटर के कार्यालय की शिफ्टिंग का नोट बनाकर हॉस्टल के बाहर चस्पा किया गया।
-- 181 वूमेन हेल्पलाइन का ऑफिस शिफ्ट किए जाने को लेकर डीपीओ को ऑर्डर दिए गए हैं। झरना कामठान, डायरेक्टर, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग