- कई महीने पुरानी आरटीपीसीआर रिपोर्ट को मॉडिफाई कर बना रहे हैं नई रिपोर्ट

- आशारोड़ी बॉर्डर पर शनिवार को पकड़ में आए 40 से अधिक मामले

देहरादून,

राज्य में एंट्री पाने के लिए टूरिस्ट्स न केवल अपनी जान से खेल रहे हैं, बल्कि, दूसरों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही मामले दून के आशारोड़ी चेक पोस्ट पर पकड़ में आए। बॉर्डर पर कई लोग फेक आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ पकड़े गए। रिपो‌र्ट्स को एडिट करके बनाया गया था, टूरिस्ट्स रिपोर्ट की पीडीएफ फाइल मोबाइल में अपलोड कर सेकेंड कॉपी हाथ में लेकर बॉर्डर चेक पोस्ट्स पर एंट्री ले रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने खुद इस बात को स्वीकार किया है और प्रशासन अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने जा रहा है।

लगातार उमड़ रही भीड़

कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आते ही सरकार की ओर से पर्यटकों की आवाजाही पर ढील तो दी गई है। लेकिन इस रियायत के साथ पर्यटकों की इस कदर भीड़ उमड़ रही है कि भीड़ को संभालने में पुलिस व प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने सीमा पर ही अब 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ होटल की बुकिंग का प्रमाण अनिवार्य किया है। जाहिर है कि बार्डर पर पुलिस ने सख्ती बरतनी तो शुरू कर दी है। लेकिन, इस सबके बावजूद दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक बार्डर से कैसे प्रवेश कर पाएं, आरटीपीसीआर रिपोर्ट में खासा खेल कर रहे हैं। जिससे उनको सीमा से आसानी से प्रवेश मिल आए जो वे अपने गंतव्य स्थानों दून, मसूरी, धनौल्टी तक पहुंच पाएं।

शनिवार को पकड़ में आए मामले

शनिवार को आशारोड़ी सीमा पर सैंपलिंग बूथ पर करीब 40 से अधिक ऐसी रिपोर्ट लैब संचालकों को मिली, जिनको एडिट कर पर्यटक साथ में लाए थे। पुलिस के रोकने और उसके बाद लैब संचालकों की ओर से आईसीएमआर की साइट पर बार कोड के जरिए जांचने व परखने के बाद पता चला कि जो रिपोर्ट पर्यटक साथ में लाए हैं, वह करीब चार माह पुरानी रिपोर्ट हैं। पर्यटकों ने इस रिपोर्ट को कंप्यूटराज्ड एडिट किया था। जिसके बाद रिपोर्ट को लैब की ओर से सीएमओ ऑफिस भेज दिया गया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसी एडिटेड रिपोर्ट पकड़ में न आने से पहले कितने पर्यटकों से सीधे एंट्री पाई होगी। बहरहाल, अब पुलिस व प्रशासन ने आशारोड़ी पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है और हर रिपोर्ट को आईएमएआर की साइट से मैच कराया जा रहा है।

हर लैब की बार कोडिंग

डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस अफसर डॉ। राजीव दीक्षित के अनुसार डिपार्टमेंट ने जिन लैब को एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच की अनुमति दी है। उनकी बार कोडिंग जरूरी की है। जिससे रिपोर्ट के साथ कोई छेड़छाड़ न हो सके।

रिपोर्ट दिखाना कंपल्सरी

मसूरी से आगे पर्यटक स्थल कैंप्टीफॉल में पर्यटकों की उमड़ी भीड़ के बाद अब शासन प्रशासन ने बार्डर एरियाज पर 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी कर दी है।

अब प्रशासन सख्त

-सैटरडे को दून से वापस लौटाए गए करीब 3 हजार से ज्यादा पर्यटक।

-पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई।

-हर एसडीएम को अपने क्षेत्रों में पर्यटक स्थलों के निरीक्षण के निर्देश।

यह सच है कि आरटीपीसीआर के कई ऐसी रिपोर्ट पकड़ में आ रही हैं। जिस पर पुलिस व प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे रिपोर्ट के साथ कोई छेड़छाड़ न कर पाए।

डॉ। राजीव दीक्षित, जिला सर्विलांस ऑफिसर।

Posted By: Inextlive