- 125 लोगों के एक दिन में बन रहे लाइसेंस

- 4200 लाइसेंस हैं पेंडिंग, लोग परेशान

देहरादून.:- लर्निग लाइसेंस के लिए अब भी लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने लर्निग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। ऐसे में अब लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए एप्लीकेंट्स को 40 दिन का इंतजार करना होगा। आरटीओ कार्यालय में अब भी 4200 लर्निग लाइसेंस पेंडिंग हैं। जबकि अब 125 लोगों के लाइसेंस रोजाना बनाए जा रहे हैं।

रोजाना बन रहे 125 लर्निग लाइसेंस

आरटीओ कार्यालय में रोजाना 125 लर्निग लाइसेंस बन रहे हैं। जबकि इससे पहले 100 लर्निग लाइसेंस बनाए जा रहे थे। इसके बाद भी 4500 लाइसेंस पेंडिग चल रहे थे। जब लर्निग लाइसेंस की संख्या बढ़ाई गई इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। लर्निग लाइसेंस बनाने की संख्या तो बढ़ा दी गई। इसके साथ ही स्लॉट की बुकिंग सख्या को बढ़ा दिया गया। इससे वेटिंग की संख्या जस की तस बनी रही है।

कोरोना से पहले बनते थे 150 लर्निग लाइसेंस

आरटीओ कार्यालय में कोरोना संक्रमण से पूर्व फरवरी 2020 तक 150 लर्निग लाइसेंस बनते थे। अनलॉक होने के बाद जुलाई माह से 20 लर्निग लाइसेंस के साथ शुरू किया लेकिन लाइसेंस बनाने की रफ्तार पेंडिंग चलती रही। इस दौरान विभाग के पास लगभग 9150 लाइसेंस पेंडिग हो गए।

संक्रमण के चलते नहीं थी ऑफिस में एंट्री

कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के कारण सभी विभागों मे ंलोगों की एंट्री पर पाबंदी लगी। ऐसे में पब्लिक डीलिंग से संबधित सभी काम को रोक दिया गया। इससे लर्निग लाइसेंस बनवाने वालों के आवेदन पेंडिंग होते गए। धीरे-धीरे यह संख्या हजारों में पहुंच गई। अनलॉक 3 में 9 हजार से आवेदन पेंडिंग हो गए थे। धीरे धीरे लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को तेज कर पूरा किया गया।

20 से संख्या पहुंची 125

आरटीओ ने अनलॉक -3 में 20 लोगों को आरटीओ कार्यालय में लर्निग टेस्ट के लिए बुलाया जा रहा था। धीरे-धीरे यह संख्या 40 और 75, 100 और 125 की गई। लेकिन इसके साथ ही स्लॉट भी खोल दिए गए। स्लॉट को बढ़ाकर 126 किया गया। जिससे लाइसेंस बनाने के साथ आवेदकों की भी संख्या लगातार बढ़ती चली गई।

कोविड गाइडलाइन का पालन जरूरी

अनलॉक होने के बाद आटीओ की ओर से लाइसेंस बनवाने वालों के लिए आवेदकों की संख्या तो खोल दी लेकिन कोविड की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य हैं। आरटीओ में जाने से पूर्व मास्क पहनकर जाना जरूरी सेनेटाइजर ले जाना जरूरी होगा।

यह भी रही परेशानी

कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन ने आरटीओ कार्यालय में एंट्री बंद कर दी। लेकिन लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए सॉफ्टवेयर की सेटिंग में बुकिंग बंद नहीं हो सकी। सेटिंग में 5-5 लोगों की बुकिंग होती रही। आरटीओ की साइड पर बुकिंग 0 नहीं हो पा पाई। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान भी लगातार साइड पर लाइसेंस बनाने के लिए एप्लीकेशन भरते गए।

केस 1-

लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए आयुष भंडारी ने फरवरी को बुकिंग कराई थी। लेकिन 4 फरवरी को लर्निग लाइसेंस के लिए एप्लाई करने के बाद भी अब तक इनका नम्बर नहीं आया है। मैसेज पहुंचने पर ही आरटीओ कार्यालय में टेस्ट देने के लिए जा सकेंगे।

केस - 2

मनीषा ने 2 मार्च को लाइसेंस बनाने के लिए एप्लाई किया था। लेकिन अब तक इनके पास आरटीओ कार्यालय में पहुंचने के लिए मैसेज नहीं आया है। उनका कहना है कि जब उन्होंने ऑफिस में फोन किया तो उन्होंने बताया उन्हें मैसेज पहुंचने पर ही उनका टेस्ट संभव होगा।

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पब्लिक की डिमांड पर लगातार लोगों की संख्या को बढ़ाया गया। इस दौरान कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी अनिवार्य है। इसे देखते हुए 10 बजे से 5 बजे तक जितने लाइसेंस बन सकते है। उतने बनाने की कोशिश की जा रही है। पहले एक रूम में जहां एक साथ 8 लोगों के टेस्ट होते थे अब एक साथ केवल 4 लोगों के टेस्ट हो पा रहे हैं। :- द्वारिका प्रसाद, एआरटीओ, प्रशासन देहरादून

Posted By: Inextlive