- बोर्ड स्टूडेंट्स के लिए स्कूल और कोंिचंग सेंटर्स खुले

- प्रोफेशनल स्टडी के लिए 10 नवंबर से शुरू होगी कोचिंग

- स्कूलों के लिए जारी एसओपी को ही कोचिंग सेंटर्स को करना होगा पालन

देहरादून,

मंडे यानि आज से बोर्ड स्टूडेंट्स के लिए स्कूल और कोचिंग सेंटर्स खुल गए हैं। 7 माह बाद स्कूल कैंपस में स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए पहुंचेंगे। स्टेट गवर्नमेंट ने बोर्ड स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए पहले ही एसओपी जारी कर 2 नवंबर से खोलने की परमिशन दे दी थी, जबकि संडे को दून के डीएम डॉ। आशीष श्रीवास्तव ने बोर्ड क्लास के स्टूडेंट्स के लिए मंडे से कोचिंग सेंटर्स खोलने की परमिशन भी जारी कर दी है। इसके साथ ही कॉमर्शियल सिलेबस के स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग 10 नवंबर से उपलब्ध कराई जाएगी। स्टूडेंट्स को कोचिंग देने से पहले पैरेंट्स की परिमशन लिखित में जमा करनी होगी।

एसओपी की होगी मॉनिटरिंग

लंबे जद्दोजहद के बाद आज दून में गवर्नमेंट और प्राइवेट सभी स्कूल खुलने जा रहे हैं। मंडे से सिर्फ बोर्ड के स्टूडेंट्स ही स्कूल ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि स्कूल स्टूडेंट्स को क्लासरूम में आने के लिए फोर्स नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही पैरेंट्स की परमिशन भी अनिवार्य है। पहले दिन पैरेंट्स स्टूडेंट्स के साथ स्कूल पहुंचेंगे। प्राइवेट स्कूल स्टूडेंट्स को स्कूल बस प्रोवाइड नहीं करवा रहे हैं, इससे भी स्टूडेंट्स को परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही स्कूल में क्लास चलने के साथ ही ऑनलाइन क्लास भी चलती रहेगी। एजुकेशन डिपार्टमेंट प्रशासन की टीम के साथ जारी एसओपी को लेकर स्कूलों की मॉनिटरिंग करते रहेंगे।

छोटी क्लासेज पर बाद में विचार

संडे को दून यूनिवर्सिटी में हुए प्रोग्राम में पहुंचे सीएम ने त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि करीब सात महीने बाद स्टेट में स्कूल मंडे से खुल जाएंगे। पहले फेज में बोर्ड स्टूडेंट्स वाले 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को स्कूल बुलाया गया है। स्कूल खोलने को लेकर शासन की ओर से एसओपी जारी की गई है। जिसका सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। इसे देखते हुए स्कूलों में कोरोना संक्रमण रोकने के सभी उपायों का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्लासेज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी अनिवार्य है। गेट पर सेनेटाइजर का उपयोग भी करना होगा। सभी स्कूलों में कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन हो, इसके लिए एजुकेशन डायरेक्ट्रेट को निर्देशित किया जा चुका है। सीएम ने ने कहा कि अभी सरकार की प्राथमिकता बोर्ड स्टूडेंट्स को देखते हुए 10वीं व 12वीं की क्लासेज को शुरू करना है। इसके बाद छोटी क्लासेज का शुरू करने पर विचार किया जाएगा।

स्कूल के आधार पर ही कोचिंग के लिए एसओपी

करीब 7 माह से दून में बंद चल रहे 200 से अधिक कोचिंग सेंटर्स भी खुल जाएंगे। डीएम के ऑर्डर के अनुसार शासन ने 29 अक्टूबर के ऑर्डर में डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन को कोचिंग सेंटर्स खोलने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसी के आधार पर संडे देर शाम को यह ऑर्डर जारी कर दिया गया। कोचिंग संस्थान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिहाज से उसी एसओपी का पालन करेंगे, जो 24 अक्टूबर को शासन ने स्कूलों के लिए जारी की है। संस्थान खोलने से पहले उचित सेनेटाइजेशन कराना होगा और स्टूडेंट्स के बीच सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन कराने के लिए एक-दूसरे के बीच छह फीट की दूरी वाला सिटिंग सिस्टम बनाया जाएगा। ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि जहां तक संभव होगा, ऑनलाइन कोचिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। स्टूडेंट्स की अटेंडेंस प्रति दिन 50 परसेंट रखी जाएगी। सभी व्यवस्थाओं का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल को दी गई है। जो भी संस्थान नियमों की अनदेखी करेगा, उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व महामारी अधिनियम के तहत एक्शन लिया जाएगा।

Posted By: Inextlive