स्थानीय बोली में दिए जाएंगे ट्रैफिक जागरूकता संदेश
- डीजीपी ने बैठक में दिए निर्देश, स्थानीय बोलियों गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी का होगा इस्तेमाल
- रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने को पब्लिक अवेयरनेस जरूरी DEHRADUN: रोड सेफ्टी और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए दून पुलिस लगातार कवायद में जुटी है। रोड सेफ्टी कैंपेन के लिए अब दून पुलिस स्थानीय भाषा का सहारा लेगी। रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने के संदेश गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोली में दूनाइट्स तक पहुंचाए जाएंगे। एक नजर - लोकल लैंग्वेज में अवेयरनेस कैंपेन - सोशल मीडिया के जरिए लोकल लैंग्वेज में भेजे जाएंगे मैसेज - चेतावनी बोर्ड्स पर लोकल लैंग्वेज में संदेश - गढ़वाली, कुमांऊनी और जौनसारी बोली का होगा प्रयोग डीजीपी ने दिये निर्देशट्यूजडे को पीएचक्यू में हुई टैफिक रिव्यू मीटिंग में डीजीपी ने अफसरों को निर्देश दिए कि ट्रैफिक रूल्स को फॉलो कराने व रोड सेफ्टी को लेकर पब्लिक को अवेयर करने के लिए लोकल बोलियों का भी सहारा लिया जाए। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जागरूकता के संदेश भेजे जाएं और उनसे ट्रैफिक रूल फॉलो करने की अपील की जाए।
ट्रैफिक पुलिस होगी नियुक्तहरिद्वार और यूएसनगर में 100-100 , पौड़ी टिहरी में 30-30 यातायात कर्मियों की नियुक्ति किये जाने का निर्णय लिया गया है। डीजीपी ने बैठक कर समस्त जनपदों में नये पार्किंग स्थल विकसित किये जाने का निर्देश दिया है।
ट्रैफिक सबसे बड़ी चुनौती ट्यूजडे को डीजीपी अनिल के रतूड़ी की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय में प्रदेश की यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु समीक्षा बैठक आयोजित की गई। डीजीपी ने कहा कि यातायात व्यवस्था सुचारू बनाना पुलिस का मुख्य काम हो गया है क्योंकि जनता इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। बैठक में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, अशोक कुमार, एडीजी प्रशासन राम सिंह मीणा, आई जी अपराध एवं कानून व्यवस्था दीपम सेठ, डीआईजी गढ़वाल पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक निदेशक। यातायात केवल खुराना यातायात सहित कई अफसर शामिल रहे।