वीआईटी प्रजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-2015 सेमिनार में बोले एक्सपर्ट, हार्ड वर्किंग से ही होगा दुनिया पर राज

-स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ बढ़ानी होगी दक्षता

>DEHRADUN: अगले पांच साल यानि साल ख्0ख्0 तक दुनिया में वर्किंग पॉपुलेशन का भारी अकाल पड़ने वाला है। अकेले अमेरिका में क्7 करोड़ वर्किंग पॉपुलेशन की कमी होगी। टॉप म् देशों की बात करें तो इन देशों में करीब ब्7 करोड़ टेक्निकल एक्सप‌र्ट्स की जरूरत पड़ने वाली है। ऐसे में भारत ही एक ऐसा विकल्प होगा, जो दुनिया को एक्सप‌र्ट्स और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कामगार मुहैया कराएगा। यह हम नहीं बल्कि यूएस के बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप द्वारा किए गए सर्वे का आंकड़ा है। सर्वे के मुताबिक भारत में साल ख्0ख्0 तक ब्7 करोड़ से ज्यादा काम करने वाले होंगे। वीआईटी प्रजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-ख्0क्भ् सेमिनार में एक्सपर्ट ने स्टूडेंट्स से कहा कि क्क् वीं और क्ख् वीं क्लास में स्टूडेंट्स को अपना कॉन्सेप्ट साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद ही आगे अपना क्षेत्र चुनना चाहिए।

नाम के लिए पढ़ाई करना अपने आप के साथ धोखा

वीआईटी प्रजेंट्स आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-ख्0क्भ् सेमिनार में आए एक्सपर्ट ने स्टूडेंट्स से कहा कि केवल नाम के लिए पढ़ाई करना अपने आप के साथ धोखा है। ब्रेन और एजुकेशन के बीच जब तक संबंध नहीं होगा, तब तक सफलता नहीं मिलेगी। अपने लिए पढ़ाई का वो क्षेत्र चुनो, जिसमें वह पूरे मन से तैयारी कर सकें। तभी सफलता संभव है।

साल ख्0ख्0 में यह होगी दुनिया में स्थिति

वीआईटी के टीचर ट्रेनर सैमुएल जॉनसन और मोटिवेशनल स्पीकर अरुणेंद्र सोनी ने कहा कि वर्ष ख्0ख्0 के अधिकांश देशों में काम करने वालों की कमी होगी। यूएसए में क्7, यूके में 0ख्, जर्मनी में 0फ्, जापान में 09, चीन में क्0, रसिया में 0म् करोड़ वर्किंग पॉपुलेशन की कमी होगी। यह सर्वे यूएस सेंसस ब्यूरो बीसीजी एनालिसिस (द बोस्टन कांसुलेशन गु्रप) के हैं। इस सर्वे के मुताबिक भारत के पास ब्7, पाकिस्तान क्9 और बांग्लादेश के पास 07 करोड़ वर्किंग पॉपुलेश्ान होगी।

कॉलेजों की आ रही है बाढ़

देश में टेक्नीकल कॉलेज की बाढ़ आई हुई है। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज का सिलेक्शन करना भी चुनौती होता है। क्ख्वीं के बाद का यही निर्णय स्टूडेंट्स का भविष्य भी तय कर देता है। कॉलेजों के आंकड़ों पर गौर करें तो साल ख्00म् में कुल क्भ्क्क् तकनीकि शिक्षण संस्थान थे, जो वर्ष ख्0क्भ् में बढ़कर फ्ब्9भ् हो गए हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि नाम मात्र ही स्टूडेंट्स इस लायक होते हैं, जो सफलता हासिल करते हैं। इस बाढ़ में सैकड़ों शिक्षण संस्थान ने इंजीनियर तो बनाए, लेकिन क्वालिटी डेवलेप नहीं कर पाए। वीआईटी के हेड टीचर ट्रेनर सैमुएल जॉनसन ने कहा कि स्ट्डेंट्स को अच्छे शिक्षण संस्थान चुनने चाहिए, ताकि उन्हें डिग्री के साथ-साथ वह योग्यता भी मिले, जिससे वह भविष्य में बड़ा काम कर पाएं। साल ख्0ख्0 टेक्निकल फील्ड के लिए नया सवेरा लेकर आएगा। ऐसे में जरूरी है कि टेक्निकल एजुकेशन की इन संभावनाओं के मुताबिक खुद को तैयार करें।

Posted By: Inextlive