क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:रुक्का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की आउटसोर्सिग का प्लान बने करीब एक साल होने को है लेकिन इस दिशा में अभी विभाग एक कदम भी नहीं चल पाया है. इस लापरवाही के कारण इस गर्मी में भी लोगों को भीषण जलसंकट से झेलना पड़ सकता है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने निर्णय लिया है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव में सरकारी मशीनरी पूरी तरह फेल हो चुकी है, इसलिए अब इसकी रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दे दी जाए. निजी कंपनियों के कर्मियों द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव व साफ सफाई के साथ-साथ शहर में होने वाले जलापूर्ति को ध्यान में रखते हुए पाइपलाइन का भी रखरखाव करना है. उल्लेखनीय है कि रुक्का से पानी की सप्लाई को लेकर लगातार समस्याएं आ रही हैं, जिसके कारण पानी की सप्लाई बाधित हो रही है और लोगों को काफी समस्याएं हो रही हैं.

एक से 14 करोड़ हुआ सालाना खर्च

निजी कंपनियों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव और पाइपलाइन की मरम्मत के लिए करीब 75 लाख से लेकर एक करोड़ तक देने का निर्णय लिया गया था. बाद में इस काम को तीनों डैमों के साथ जोड़ते हुए इस्टीमेट को बढ़ाकर 14 करोड़ कर दिया गया. टेंडर की समय सीमा लगातार बढ़ाई जा रही है और इस बार इसकी अंतिम तिथि 6 अप्रैल निर्धारित की गई है.

कई दिन वाटर सप्लाई ठप

पिछले साल अप्रैल से लेकर जून तक रुक्का डब्ल्यूटीपी द्वारा पानी सप्लाई काफी दिनों तक ठप रहा. इस कारण लोगों में काफी रोष था. भीषण गर्मी में भी पानी नहीं मिलने के कारण पीने के पानी का भंयकर संकट उत्पन्न हो गया. इस संबंध में सीएम के जनसंवाद कार्यक्रम में भी शिकायत की गई लेकिन बिजली की आपूर्ति में बाधा और प्लांट की समस्याओं के कारण काफी मुश्किल से पानी की सप्लाई की गई.

चापानल व हैंडपंप को टोलफ्री नंबर जारी

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में स्थित चापानल और हैंडपंप जो खराब हालत में हैं उनकी जानकारी के लिए टोलफ्री नंबर जारी किया है. क्षेत्र में पानी की समस्या से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत इस टोलफ्री नम्बर 18003456702 पर की जा सकती है, लेकिन फिलहाल स्थिति ऐसी है कि फोन लगाते-लगाते लोग परेशान हो जा रहे हैं पर टोलफ्री नंबर जवाब नहीं मिलता.

वर्जन

प्लांट की आउटसोर्सिग कर मैनपावर की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि लोगों को निर्बाध जलापूर्ति संभव हो सके. साथ ही साफ सफाई की भी पुख्ता व्यवस्था हो. लोगों की कमी के कारण अभी बेहतर तरीके से प्लांट के संचालन में समस्याएं आ रही हैं .

प्रभात कुमार, कार्यपालक अभियंता

लोगों को पानी चाहिए, इसके लिए चाहे किसी भी तरह का प्रयोग किया जाए, वह ठीक रहेगा. लेकिन यदि पेयजल विभाग को ऐसा कुछ करना था तो गर्मी के मौसम से पहले करना चाहिए था, क्योंकि पूरी गर्मी पानी की भयंकर किल्लत झेलनी पड़ी.

ओमप्रकाश

निजी कंपनियों के हाथ में जाने से संभव है कोई सुधार हो, क्योंकि सरकारी विभाग के हाथ में जो भी कार्य हैं, उनसे जनता को कोई लाभ नहीं प्राप्त हो पाता बल्कि लोग उल्टा परेशान ही होते हैं. इसलिए संभव है कि इस प्रयास से लोगों को पानी आसानी से प्राप्त हो.

विवेक सिन्हा

Posted By: Prabhat Gopal Jha