पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे लालकुआं के सात हजार लोग
1 नंबर जोन के तहत आता है वार्ड
6 से 7 हजार लोग पानी के लिए परेशान 18-20 टैंकर पिछले साल दौड़े थे 20-25 कुल सबमर्सिबल - जोन एक के तहत आता है घनी आबादी वाला लालकुआं वार्ड - पुरानी पाइपलाइन होने से स्थिति हुई और खराब, नलों में लग रही लाइन lucknow@inext.co.in LUCKNOW: घनी आबादी वाले लालकुआं वार्ड के कई इलाकों में पानी संकट ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. आलम यह है कि लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इसके बावजूद जिम्मेदार महकमे की ओर से वार्ड में पानी संकट दूर करने के लिए ठोस इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से जनता की मुश्किलें खासी बढ़ गई हैं. सुबह से लग जाती है लाइनलालकुआं वार्ड के बीस फीसदी इलाकों में पानी संकट की समस्या सामने आ रही है. स्थिति यह है कि प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को नलों के आगे लंबी लाइन लगानी पड़ रही है, इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है.
पिछले साल टैंकरपिछले साल की बात करें तो गर्मी के मौसम में इस वार्ड में किराए के टैंकरों से लोगों की प्यास बुझी थी. लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें टैंकरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, लेकिन वर्तमान में जो हालात हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर से लोगों को टैंकरों का ही इंतजार करना पड़ेगा.
7 हजार लोग प्रभावित वार्ड पार्षद की माने तो पानी न मिलने की वजह से छह से सात हजार लोग खासे प्रभावित हो रहे हैं. वार्ड के तहत कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां पानी के प्रेशर बेहद लो है, इसकी वजह से भी जनता को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. पेयजल लाइन पुरानी वार्ड के कई इलाकों में सालों पुरानी पेयजल लाइन पड़ी हुई है. इसकी वजह से आए दिन कहीं न कहीं से पेयजल लाइन टूट जाती है, जिसकी वजह से उस लाइन से जुड़े लोगों को पानी का इंतजार करना पड़ता है. इतना ही नहीं, पेयजल लाइन टूटने से लोगों के घरों में दूषित जलापूर्ति भी होती है. इसकी वजह से लोगों के संक्रामक बीमारियों की चपेट में भी आने का खतरा बना रहता है. ये हैं प्रभावित इलाके गांधीनगर, नहर किनारा, गड़इया, चट्टान मोहल्ला वर्जनमेरे वार्ड के कई इलाकों में पेयजल संकट की समस्या सामने आ रही है. पेयजल के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण एक बार फिर से टैंकर ही सहारा बनेंगे.
सुशील तिवारी पम्मी, पार्षद, लालकुआं वार्ड