साईं बाबा की पूजा को लेकर खड़ा हुआ मसला ना ही शांत होने का नाम ले रहा है और लगता है ना ही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इसे शांत करना चाहते हैं. इसी मसले को लेकर एक बार फिर स्वरूपानंद ने उमा भारती को अपना निशाना बनाया है.


सरकार के दखल की जरुरत नहींशिरडी वाले साईं बाबा की पूजा को लेकर सवाल खड़े करने वाले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री उमा भारती पर वार किया है. शंकराचार्य ने ठान लिया है कि अब वो इतनी आसानी से केंद्रीय जल संसाधन व गंगा अभियान मंत्री उमा भारती की पीछा नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा है कि इस मामले में प्रधानमंत्री के दखल की जरूरत नहीं है लेकिन उमा भारती से साईं भक्ति पर अपना रुख को साफ करने की मांग की है. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि उमा भारती की चुप्पी से काम नहीं चलेगा, अगर उन्होंने मामले में अपनी टांग अड़ाई है तो अपना पक्ष साफ करना होगा. शंकराचार्य ने कहा कि साईं पूजा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी सरकार को अभी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है ऐसे मसलों के लिए मैं खुद काफी हूं.
मुझे उनसे स्नेह मिलता है


केंद्रीय जल संसाधन व गंगा अभियान मंत्री उमा भारती साईं बाबा को लेकर अपने बयान पर कायम हैं. अपने संसदीय क्षेत्र झांसी में कल उन्होंने कहा कि मां-बाप भी बच्चे के भगवान होते हैं. उन्होंने हरिद्वार में शनिवार को कहा था कि शंकराचार्य मेरे लिए पिता सामान हैं, लेकिन साईं आस्था के प्रतीक हैं. उन्होंने खुद को कभी भगवान नहीं कहा. उमा भारती ने झांसी में शंकराचार्य के बयान पर प्रतिक्त्रिया देने से इन्कार कर दिया. उन्होंने कहा शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती से उन्हें स्नेह मिलता रहा है. इसी कारण वो उनकी बात का कोई जवाब नहीं देंगी. वह संत परंपरा का सम्मान करती हैं. उन्होंने फिर दोहराया आस्था व्यक्ति का निजी विषय है. शंकराचार्य को एक पत्र लिखकर इस विवाद से अपने को दूर रखने का आग्रह किया है.

Posted By: Subhesh Sharma