-बिहार वेटरनरी कॉलेज पटना का 92वां स्थापना दिवस मनाया गया

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PATNA: पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार की असीमित संभावनाएं हैं. आर्थिक विकास, पशुओं की खास देखभाल, खाद्य सुरक्षा सहित कई विषयों में पशुपालन एक उभरता हुआ क्षेत्र है. ये बातें भूतपूर्व मेजर जनरल पी.एस. नारवाल ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविधयालय के अंगीभूत कॉलेज बिहार वेटरनरी कॉलेज पटना का 92 वां स्थापना दिवस के अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि डिफेन्स के क्षेत्र में भी पशुचिकित्सकों की काफी मांग है. पशुचिकित्सा में आए हुए छात्रों को थल सेना रिमोट वेटरनरी सर्विस के तहत सेवा का अवसर प्रदान करता है. छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा की डिफेन्स में पशुचिकित्सक बनकर आना सिर्फ पशुओं का सेवा करना नहीं बल्कि आपको देश की सेवा करने का मौका मिलता है.

कालाजार पर की चर्चा

इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह, चीफ गेस्ट आरएमआरआई, पटना के निदेशक डॉ प्रदीप कुमार दास, विशिष्ट अतिथि भूतपूर्व मेजर जनरल पी.एस. नारवाल, मेडवेट कोलंबस अमेरिका से डॉ राम मोहन ने की. स्थापना दिवस समारोह में डॉ प्रदीप दास ने कालाजार रोग के रोकथाम और उपचार के आधुनिक सुधार और विकास से संबंधित लेक्चर दिया. वहीं पीएस नरवाल ने बताया कि भारतीय थल सेना की सेंट्रल मिलिट्री वेटरनरी लेबोरेटरी, मेरठ कैंट ऐसी संस्थान है जहां युवां पशुचिकित्सकों को काम करने का मौका मिल सकता है. सेना के पशुओं के दस्ता के देखभाल के लिए पशुचिकित्सकों की जरूरत पड़ती है.

Posted By: Manish Kumar