नई दिल्ली (एएनआई)। बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट की सीरीज चलाते हुए कहा कि अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केन्द्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा कदम नहीं है?  वहां जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार लेते तो उचित होता।


370 को अलग से लागू करने के पक्ष में नहीं थे अंबेडकर
मायावती ने अपने एक ट्वीट यह भी याद दिलाया कि उनकी पार्टी के विचारक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत की समानता, एकता और अखंडता के समर्थक थे और इसीलिए वह जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को अलग से लागू करने के पक्ष में नहीं थे।  इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया।


जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति में लौटने में कुछ समय लगेगा
इस दाैरान उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति में लौटने में कुछ समय लगेगा। देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरान्त इस अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। ऐसे में अब थोड़ा इंतजार करना बेहतर है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार किया गया है।


श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई
बता दें कि हाल ही बीते शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी स्थिति को देखने के लिए श्रीनगर गया था। हालांकि इस दाैरान उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी और शहर में उतरने के एक घंटे बाद वापस भेज दिया गया था।
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आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करने का फैसला
बता दें कि बीते 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के सभी प्रमुख प्रावधानों को खत्म करने का फैसला लिया गया था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। नेताओं का अारोप है कि सरकार यहां के हालातों को संभालने में असमर्थ है।

 

 

 

 

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