- काशी विद्यापीठ में M.Ed। का बन रहा नया कोर्स, कोर्स में नेट एग्जाम का भी होगा मैटीरियल

- दो वर्षीय कोर्स में B.Ed.वालों को वॉच करने की होगी रिस्पांसिबिलटी

VARANASI:

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नेक्स्ट सेशन से एमएड स्टूडेंट ही बीएड वालों के मेंटोर बनेंगे। यानि कि वो अपने जूनियर्स की निगहबानी करेंगे। यही नहीं, नेक्स्ट सेशन से एमएड भी दो वर्षीय हो जाएगा। इसी क्रम में दो साल के लिए कोर्स बनाने का प्रॉसेस भी स्टार्ट हो चुका है। खास बात यह है कि नये कोर्स में नेट एग्जाम का भी मैटेरियल होगा। साथ ही एमएड स्टूडेंट्स को फील्ड एक्सपीरिएंस का भी चांस मिलेगा। कुल मिलाकर यूनिवर्सिटी में संचालित हो रहे बीएड के साथ ही एमएड कोर्स भी अपग्रेड हो रहा है। नेक्स्ट सेशन से कोर्स में कई नयी चीजें जुड़ जाएंगी।

शेयर करेंगे अपने अनुभव

हालांकि, एमएड स्टूडेंट्स पढ़ाई के दौरान पहले से क्लास लेते आ रहे हैं। लेकिन अब उन्हें अपने जूनियर्स यानि बीएड के स्टूडेंट्स को पढ़ाना होगा। उन्हें जूनियर्स से अपने एक्सपेरिएंसेज को शेयर करना होगा। बीएड के स्टूडेंट्स को सिलेबस से जुड़े पॉइंट्स पर टिप्स देना होगा। इसके अलावा उन्हें जूनियर्स के साथ फील्ड में भी जाना होगा। यही वजह है कि एमएड कोर्स को दो वर्षीय बनाया जा रहा है। इस कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम को फॉलो किया जाएगा। क्रेडिट के आधार पर ही स्टूडेंट्स को मा‌र्क्स दिये जाएंगे। अभी तक एमएड के स्टूडेंट्स को डिजर्टेशन व क्लास में ही स्टूडेंट्स को पढ़ाना होता है।

इंटर्नशिप पर रखेंगे नजर

अब तक बीएड स्टूडेंट के इंटर्नशिप के दौरान यूनिवर्सिटी व कॉलेज के टीचर्स ही नजर रखते रहे हैं। लेकिन अब एमएड के स्टूडेंट्स को लगाया जाएगा। वे क्लास में बैठकर बीएड स्टूडेंट्स के पढ़ाने का तरीका देखेंगे। इस बीच नयी टेक्निक का भी यूज होगा। जिसमें सीनियर्स अपने जूनियर्स की हेल्प करेंगे। उन्हें इक्वीपमेंट को यूज करने का तरीका बताएंगे। यही नहीं एजुकेशन में यूज होने वाली मॉडर्न टेक्निक से खुद भी लैस रहेंगे। नये कोर्स में रिसर्च पेपर को भी शमिल किया जा रहा है। रिसर्च पेपर ऐसे तैयार किए जाएंगे जो भावी मास्साब की राह आसान करेंगे।

वर्जन--

यूनिवर्सिटी में एमएड का नया कोर्स तैयार किया जा रहा है। जिसमें कई नये पॉइंट्स को जोड़ने का काम चल रहा है। इसमें एमएड के स्टूडेंट्स अब नयी भूमिका में दिखेंगे।

ओमप्रकाश,

रजिस्ट्रार, काशी विद्यापीठ