नई दिल्ली (पीटीआई)। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का कहना है कि वह इस बात की तस्दीक नहीं कर सकते कि महेंद्र सिंह धोनी ने इसे इतने लंबे समय तक क्यों घसीटा। मगर वह पिछले साल के वनडे वर्ल्डकप के बाद संन्यास ले सकते थे। अख्तर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 38 साल के धोनी को एक शानदार विदाई मिलेगी। अख्तर ने इस्लामाबाद में पीटीआई से कहा, "इस लड़के ने अपनी क्षमता के अनुसार सेवा की है। उसे गरिमा के साथ क्रिकेट छोडऩा चाहिए। मुझे नहीं पता कि उसने इतने समय तक क्यों घसीटा। उसे विश्व कप के बाद रिटायर होना चाहिए था।" अख्तर कहते हैं, 'अगर मैं उसकी (धोनी) जगह होता, तो मैं संन्यास ले लेता। मैं तीन-चार साल तक छोटे प्रारूप खेल सकता था, लेकिन मैंने (2011 WC के बाद) क्रिकेट छोड़ दिया क्योंकि मैं 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहा था।'

धोनी को सम्मान के साथ करें विदा

बता दें पूर्व भारतीय कप्तान धोनी, जिन्होंने जुलाई में विश्व कप के सेमीफाइनल के बाद से टीम इंडिया के लिए कोई मैच नहीं खेला है। वह आईपीएल के साथ एक बहुप्रतीक्षित वापसी करने की तैयारी कर रहे थे, मगर आईपीएल 13 के आयोजन की संभावनाएं फिलहाल नहीं दिख रही हैंं। माही के फैंस को उम्मीद थी कि धोनी आईपीएल में जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे, ताकि अक्टूबर-नवंबर में उनके टी 20 विश्व कप खेलने की संभावना बढ़ जाती। अख्तर का मानना ​​है कि धोनी अब सुर्खियों में हैं, एक देश के रूप में, आपको उसे बहुत सम्मान और गरिमा के साथ जाने देना चाहिए। उसने आपको विश्व कप जिताया है और भारत के लिए कई चमत्कार किए हैं। वह काफी अद्भुत इंसान है। फिलहाल वह फंस चुके हैं।

खेलना चाहिए विदाई मैच

अख्तर ने आगे कहा कि धोनी को पिछले साल 50 ओवर के विश्व कप के बाद क्रिकेट छोड़ देना चाहिए था, 'जब वह सेमीफाइनल (न्यूजीलैंड के खिलाफ) में खेल खत्म नहीं कर सके। मुझे लगा कि उन्हें संन्यास लेना चाहिए था लेकिन वह जवाब दे सकते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया। उन्हें विश्व कप के बाद विदाई श्रृंखला खेलनी चाहिए थी और फिर अपने शानदार करियर को अलविदा कहते।'

विराट सेना को फिनिशर की जरूरत

रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर ने विराट सेना की खामियों पर भी चर्चा की। 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से एक भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीतने वाली भारतीय टीम की अक्षमता के बारे में बात करते हुए, अख्तर ने कहा कि विराट कोहली की टीम को मध्य-क्रम में मैच विजेता की जरूरत है। अख्तर कहते हैं, "टूर्नामेंट जीतना एक बात है लेकिन शीर्ष पर रहना एक और बात है। भारत अभी भी शीर्ष क्रम की टेस्ट टीम है और लगभग सीमित ओवरों के प्रारूप में शीर्ष टीमों में से है। इसलिए, हमें केवल आईसीसी में उनके प्रदर्शन के आधार पर उनके प्रदर्शन को आधार नहीं बनाना चाहिए।' अख्तर कहते हैं, 'बेशक टीम इंडिया को आईसीसी टूर्नामेंट को जीतना चाहिए और उन्हें यह करना होगा। यह टीम, शीर्ष चार में तो पहुंचती है, मगर वे ट्रॉफी नहीं जीत पा रहे। इस पर सोचना होगा। एक और बात मैंने देखी है। मध्यक्रम में युवराज (सिंह) या धोनी जैसे मैच विजेता की जरूरत है।'

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