कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। National Doctor&यs Day 2021 'दवाएं बीमारियों का इलाज करती हैं, लेकिन केवल डॉक्टर ही मरीजों को ठीक कर सकते हैं।' स्विस मनोचिकित्सक कार्ल जंग की ये पक्तियां सच भी हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण हाल में भी देखने को मिला है। डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता कोविड-19 महामारी के ऐसे कठिन समय के दौरान देश के लोगों के साथ खड़े रहे। कोरोना वायरस महामारी के बीच कई ऐसे वीर थे जो लोगों को इस घातक वायरस से बचाने के लिए खुद इसकी चपेट में अपनी जान गवां बैठे हैं। ऐसे में उन्हें कितना भी धन्यवाद दे दिया जाए उन्होंने देश के लिए जो कुछ भी किया है, उसे चुकाना मुश्किल होगा।

नेशनल डाॅक्टर्स डे का महत्व

डाॅक्टर्स को मानव जाति के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देने और उन्हें सलाम करने के लिए ही राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। यह खास दिन 1 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 1991 में स्थापित किया गया था और तब से हर साल पूरे देश में नेशनल डाॅक्टर्स डे (राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस) मनाया जाता है।

नेशनल डाॅक्टर्स डे का इतिहास

1 जुलाई को लीजेंड्री फिजीशियन डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जो पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे। वह 1 जुलाई 1882 को जन्मे और 1 जुलाई 1962 को ही उनका निधन हुआ था। डॉक्टर रॉय को उनके अपार योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

अलग-अलग तरीखों में डॉक्टर्स डे

डॉक्टर्स डे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में यह 30 मार्च को, क्यूबा में 3 दिसंबर को और ईरान में 23 अगस्त को मनाया जाता है। जॉर्जिया में पहली बार मार्च 1933 में डॉक्टर्स डे मना था। इस दिन को चिकित्सकों को कार्ड देने के साथ मृत डॉक्टरों यादकर मनाया जाता है।

इनपुट जागरण जोश से

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