राज्यसभा में पास हुआ न्यायिक आयोग बिल

बीजेपी सरकार और अन्य दलों द्वारा सराहा गया राष्ट्रीय न्यायिक आयोग अध्यादेश राज्यसभा में पास कर दिया गया है. इस बिल के पास होने से देश में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव आ गया है. इससे पहले भारत में कॉलेजियम सिस्टम द्वारा जजों को नियुक्ति की जाती थी. इस प्रक्रिया के ऊपर समय-समय पर काफी आरोप लगते रहे हैं. कई कानूनविदों और समाजसेवियों ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के चलते जज और उनके रिश्तेदार ही जज बनते आए हैं.

लोकसभा में हुआ पहले ही पास

इस विधेयक को लोकसभा में पहले ही पास किया जा चुका है. इसलिए राज्यसभा में इस बिल के पास होते ही यह बिल कानून बन चुका है.

कैसा होगा न्यायिक आयोग

बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए आयोग में ज्यूडिशियल नियुक्तियों में बैलेंस रखने का प्रयास किया गया है. इसलिए इस आयोग में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, दो अन्य सुप्रीम कोर्ट जज और दो हस्तियां और एक कानून मंत्री होंगे. गौरतलब है कि इन दो हस्तियां प्रधामंत्री, लीडर ऑफ अपोजिशन और चीफ जस्टिस चुनेंगे. इस आयोग के सदस्यों में से अगर किसी दो सदस्यों को किसी जज को नाम पर आपत्ति होगी तो उस नियुक्ति को रोक दिया जाएगा. गौरतलब है कि यह आयोग किसी भी जज को चुन कर उनका नाम प्रेसीडेंट को भेजेगा.

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