नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र को समग्र और समावेश करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने वाले बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आयुष जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में शोध को बढ़ावा देने और वर्तमान स्वास्थ्य प्रणाली में उनके सक्रिय जुड़ाव पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने दुनिया में आयुष की बढ़ती लोकप्रियता को सराहा और गर्व किया कि डब्ल्यूएचओ भारत में अपना एकमात्र ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब यह हम सभी पर निर्भर है कि हम अपने लिए और दुनिया के लिए भी आयुष के बेहतर समाधान कैसे तैयार करें।

आयुष-ग्रिड के तहत पूरा आयुष क्षेत्र होगा डिजिटल : सर्बानंद सोणोवाल

प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि आयुष मंत्रालय पहले ही आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और नेशनल टेली मेडिसिन के क्षेत्र में कई पहल कर चुका है। इसका एक्शन प्लान तैयार कर इसे जल्द से जल्द से लागू किया जाएगा। मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा डिजिटल माध्यम पर बढ़ती लोकप्रियता और निर्भरता के साथ डिजी-इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर जोर दिया गया है, जिस पर आयुष मंत्रालय लगातार तेजी से काम कर रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में बजट में किये गये विभिन्न प्रावधान के तहत आयुष-ग्रिड के तहत पूरे आयुष क्षेत्र को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम देखने को मिलेगा।

दुनिया में सबसे ज्यादा हेल्थ आईडी भारत के पास : मंडाविया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कैबिनेट मंत्री डॉ. मनसुख एल मंडाविया ने कहा कि आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अलग-अलग नहीं हैं। दोनों मंत्रालय साथ मिलकर देश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर काम कर रहे हैं। यह केवल एक व्यवस्था है कि दोनों मंत्रालय अलग-अलग काम कर रहे हैं ताकि आमजन तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सके। उन्होंने हेल्थ इको सिस्टम पर कहा कि दुनिया में सबसे 17 करोड़ से अधिक हेल्थ आईडी भारत के पास हैं। हमने वैक्सीन बनाई जो यह दर्शाता है कि हम दुनिया के साथ हैं। आज हमें इसके लिए किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ा। एक घटना का जिक्र करते हुए मंडाविया ने कहा, 'मैं कुछ दिन पहले हरियाणा जा रहा था। रास्ते में देखा कि एक जगह पर आयुष डॉक्टर बैठे थे। उनके पास एक महिला मरीज थी और पास में एक लैपटॉप था, जिसके माध्यम से महिला मरीज पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टर से अपने पेट में हो रहे दर्द के बारे में बता रही थी और पीजीआई के डॉक्टर ने टेली मेडिसिन के जरिये आयुष के डॉक्टर और स्टाफ को उसके उपचार का तरीका बताया। मुझे उस दिन टेली मेडिसिन की ताकत पता चला।'

नेशनल टेली मेडिसिन- ई संजीवनी पर भी विस्तार से चर्चा

पोस्ट बजट वेबिनार के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और जनमानस तक इसे पहुंचाने पर मंथन किया गया, जिसमें आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, नेशनल टेली मेडिसिन- ई संजीवनी और टेली मेंटल हेल्थ के सेशन में नौ बुद्धिजीवियों ने अपने विचार रखे और चर्चा की। सेशन में विशेषज्ञों ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को एक दूसरे से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। वहीं नेशनल टेली मेडिसिन- ई संजीवनी पर कहा कि धरातल पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को इससे जोड़ने और इसको लेकर आने वाली समस्याओं को दूर करने पर फोकस किया जाए ताकि जल्द से जल्द सेवाएं लोगों तक पहुंच सकें। टेली मेडिसिन सेंटर को गांव में खोल सकते हैं, इससे रोजगार भी उपलब्ध हो सकेंगे। वहीं टेली मेंटल हेल्थ पर कहा कि इसे पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जाए ताकि छोटे-छोटे स्टार्टअप को भी इससे जोड़ा जा सके। सेशन में आयुष केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र मंजूपारा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती पवार, आयुष सचिव राजेश कोटेचा भी मौजूद रहे।

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