आगरा. जनपद में हिट एंड रन के मामले हर रोज होते हैं, लेकिन लोगों को जानकारी न होने की वजह से मुआवजे के लिए मामले दर्ज नहीं हो पाते. इस वर्ष कोई मामला हिट एंड रन का दर्ज नहीं हुआ है, जबकि गत वर्ष तीन मामले दर्ज किए गए थे. इनका निस्तारण किया जा चुका है.

क्या होता है हिट एंड रन?

जब भी कोई अज्ञात वाहन किसी राहगीर को टक्कर मारकर मौके से भाग जाता है, तो ऐसा मामला हिट एंड रन की परिधि में आता है. इसमें टक्कर करने वाले वाहन व चालक का नाम-पता अज्ञात होता है.

मुआवजे का है प्रावधान

हिट एंड रन के मामले में मुआवजे का प्रावधान है. इसमें घायल को साढ़े 12 हजार और मृत्यु होने पर 25 हजार रुपये के मुआवजे का प्रावधान है.

शिकायत की ये है प्रक्रिया

हिट एंड रन के मामले में पीडि़त को 60 दिन की समयावधि में कलेक्ट्रेट में न्याय सहा. द्वितीय जे. सेकेंड के पटल पर शिकायती पत्र देना होता है. इसका आवेदन पत्र न्यू इंडिया इश्योरेंस कंपनी से प्राप्त किया जा सकता है. इसके साथ थाने की रिपोर्ट की छाया प्रति और चिकित्सकीय दस्तावेज यदि कैज्युअल्टी हुई है तो पीएम रिपोर्ट समिट करनी पड़ती है.

एक महीने में जांच होनी चाहिए पूरी

आवेदन प्राप्त होने के बाद क्षेत्र के अनुसार मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी जाती है. एक महीने में जांच पूरी कर सौंपनी होती है. इसके बाद एडीएम सिटी द्वारा मुआवजे की संस्तुति की जाती है.