कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ramlala Pran Pratishtha 22 January: राम जन्मभूमी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की विधियों और अनुष्ठानों के बीच बुधवार को रामलला ने राम मंदिर में प्रवेश किया। जिसके बाद उनकी मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर का पूरा भ्रमण कराने के बाद गर्भ गृह में लाया गया। मूर्ति आने से पहले भी कई तरह के विधान सम्पन्न किए गए। जैसे की श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य डॉ अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने सांगोपांग सर्व प्रायश्चित किया। यही नहीं, उन्होंने सरयू में स्नान कर विष्णु पूजन करते हुए घी से होम कर पंचगव्य प्राशन किया। इस बीच अयोध्या में तमाम महिलाओं ने शानदार कलश यात्रा निकाली। इन सब पूजा और अनुष्ठानों के बाद ही रामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में प्रवेश कराया गया।

प्राण प्रतिष्ठा तक रोज होंगे अनुष्ठान
श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 2 दिन पहले से ही यानी 16 जनवरी से ही मंदिर परिसर में कई तरह की विधियां, हवन और पूजा लगातार चल रही हैं। जिसके बाद 18 जनवरी यानी आज राम मंदिर परिसर भ्रमण के बाद रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में लाया गया। इस दौरान भी मंदिर के अंदर कई हवन और यज्ञ का आयोजन किया गया। बता दें कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक हर एक दिन अनुष्ठान होते रहेंगे। गर्भगृह में प्रवेश के बाद कल यानी 19 जनवरी को अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन के अलावा धान्याधिवास, औषधाधिवास, केसराधिवास और घृताधिवास भी किया जाएगा। वहीं 20 जनवरी को मंदिर परिसर में शर्करादेवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास का कार्यक्रम आयोजित होगा।

पीएम के हाथों होगी प्राण प्रतिष्ठा
इसके अलावा 20 जनवरी के दिन मंदिर परिसर को अलग-अलग नदियों के जल से पवित्र किया जाएगा। वहीं 21 जनवरी को गर्भगृह में मध्याधिवास, शैय्याधिवास होगा। बात करें 22 जनवरी की तो सोमवार को रामलला की विग्रह पूजा होगी जिसके बाद उनकी आंखों से पट्टी खोली जाएगी, और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा। दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इन सारी विधियों के बाद मंदिर परिसर के दरवाजे दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएगें।

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