क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी के अपर बाजार इलाके में 1950 में बने स्ट्रक्चर के बेसमेंट में पार्किग की व्यवस्था ही नहीं है. नतीजन, अपर बाजार के कई रोड में गाडि़यां रोड पर लग रही हैं. वहीं लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे ही दो दर्जन दुकान के मालिकों को रांची नगर निगम ने नोटिस जारी कर दिया है. वहीं दुकानों में जाकर मापी भी कराई गई है. इसके तहत स्ट्रक्चर के बेसमेंट में बनी दुकानों को खाली कराकर पार्किग बनाने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने वालों पर फाइन के साथ कार्रवाई भी करने की बात कही गई है. इसे लेकर अपर बाजार के दुकानदार मोर्चा खोलने की तैयारी में है. वहीं चैंबर को भी दुकानदारों ने मामले से अवगत करा दिया है. अब दुकानदारों को न्याय का इंतजार है.

7 दशक पुराने निर्माण का मांग रहे नक्शा

अपर बाजार के सोनार गली व आसपास के इलाकों में करीब 70 साल साल पहले घर बनाए गए थे. इसके बाद समय बीतता गया और स्ट्रक्चर में बदलाव कर वहां पर दुकानें बन गईं. अब दुकानदारों से वहां पर निर्माण का नक्शा मांगा गया है. साथ ही बेसमेंट में पार्किग भी बनाने को कहा गया है. इतने पुराने स्ट्रक्चर का आजतक न तो नक्शा पास हो पाया है और न ही उनके पास पार्किग के लिए जगह है. अब उन्हें चिंता सता रही है कि वे पार्किग का निर्माण कैसे कराएंगे जहां एक गाड़ी खड़ी होने की जगह भी नहीं है.

नई बिल्डिंग के बेसमेंट में भी पार्किग नहीं

दुकानदारों का कहना है कि अगर नगर निगम पुरानी बिल्डिंग से नक्शा मांग रहा है और पार्किग बनाने को कह रहा है. लेकिन उस समय तो ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं थी. लेकिन हाल के दिनों में बने स्ट्रक्चर को नगर निगम ने पार्किग की जगह कॉमर्शियल यूज करने की परमिशन कैसे दे दी. इतना ही नहीं, उनकी बिल्डिंग में पार्किग नहीं होने पर नोटिस भी नहीं दिया गया. आखिर नगर निगम दुकानदारों के साथ भेदभाव का बर्ताव क्यों कर रहा है.

वर्जन

जब यह मुद्दा उठा था तो दुकानदारों ने हमें शिकायत की है. जब स्ट्रक्चर तैयार हुआ उस समय तो नक्शा बनता नहीं था. इसलिए नगर निगम एरिया में एक समय के बाद के स्ट्रक्चर का नक्शा और तमाम कागजात बने हैं. इसलिए दुकानदारों की डिमांड भी जायज है. इसलिए हमलोग इलेक्शन खत्म होने के बाद उनके साथ बैठकर वार्ता करेंगे. साथ ही एएमसी के सामने भी अपना पक्ष रखेंगे. जहां तक नए स्ट्रक्चर की बात है तो ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है. अगर कोई कंप्लेन करता है तो उसे भी देखा जाएगा.

दीपक मारू, अध्यक्ष, एफजेसीसीआई