-लिख रहे थे पीसीएस मेंस बन गए आईएएस

-गुदड़ी के लाल ने किया कमाल

-परीक्षा केन्द्र के बाहर माला लेकर पहुंचे दोस्त

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रीतमनगर के रहने वाले गरीब किसान के बेटे रणविजय सिंह के लिए सैटरडे का दिन कुछ खास था। सैटरडे को उनकी पीसीएस-ख्0क्भ् मेंस की परीक्षा थी, लेकिन यह दिन उनके लिए सबसे बड़ी खुशी लेकर भी आया। रणविजय परीक्षा देकर बाहर निकले तो उनके मित्रों ने उन्हें आईएएस-ख्0क्ब् में सेलेक्ट होने की खुशखबरी दी।

बीएचएस में थी परीक्षा

आईएएस-ख्0क्ब् में ख्भ्7वीं रैंक पाने वाले रणविजय की सफलता से जुड़ी दिलचस्प बात यह रही कि परिणाम आने के कई घंटे तक उन्हें इसकी खबर तक नहीं थी। क्योंकि वे ब्वॉयज हाईस्कूल में पीसीएस मेंस का एग्जाम दे रहे थे और उनका एग्जाम शाम पांच बजे छूटना था। लेकिन, उनके दोस्त पहले ही रणविजय का रिजल्ट इंटरनेट पर देख चुके थे। इससे उत्साहित सभी दोस्त और परिचित पहले से ही परीक्षा केन्द्र के बाहर पहुंच गए।

हैरत में पड़े इलाके के लोग

परीक्षा छूटने से काफी पहले फूल माला लेकर पहुंचे दोस्तों के लिए अपनी खुशी के इजहार को रोक पाना मुश्किल रहा। इससे आसपास के लोग भी पूछने को मजबूर हो गए कि माजरा क्या है। पहले तो लोगों ने सोचा कि कोई नेता आने वाला है। लेकिन, जब उन्हें पता चला कि कोई छात्र आईएएस बन गया है तो उसकी सफलता पर साथियों को बधाई दी।

सभी ने दी बधाई

इस बीच शाम पांच बजे जैसे ही पीसीएस मेंस की परीक्षा छूटी। इलाके के लोग और रणविजय के दोस्त परीक्षा केन्द्र के अंदर दाखिल हो गए। दोस्तों को हाथों में फूल माला लिए देख रणविजय दूर से ही समझ गए कि उनका सपना पूरा हो गया। सभी ने उन्हें कंधे पर उठा लिया और मिठाई खिलाकर चेहरे पर गुलाल भी लगाया। इलाकाई लोगों ने भी उन्हें बधाई दी।

गरीबी नहीं अाई आड़े

उधर, रणविजय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह सफलता पहले ही प्रयास में मिली है। पीसीएस मेंस की परीक्षा भी वे पहली बार ही दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता रमेश गरीब किसान हैं। उन्होंने बहुत संघर्ष कर उन्हें पढ़ाया लिखाया। प्रीतमनगर में किराए पर रहने वाले रणविजय मूल रूप से बलिया के रहने वाले हैं। रणविजय ने ख्008 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद गुड़गांव में विप्रो कम्पनी में ऑपरेशन मैनेजर के पद पर नौकरी भी कर चुके हैं।