नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा से संबंधित मामले में गुरुवार को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में दीप सिद्धू और अन्य के खिलाफ एक फ्रेश सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। पुलिस ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह नागर के सामने चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में सुनवाई 19 जून तक टाल दी है। चार्जशीट में दीप सिद्धू और अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया है। पहली चार्जशीट 17 मई को तीस हजारी कोर्ट में एक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर की गई थी। पुलिस ने मामले में दीप सिद्धू, इकबाल सिंह, मनिंदर मोनी और खेमप्रीत सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया था।

मुख्य कथित साजिशकर्ताओं में शामिल थे ये लोग

चार्जशीट में कहा गया है कि दीप सिद्धू और लाखा सिधाना हिंसा के मुख्य कथित साजिशकर्ताओं में शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह, दंगा, हिंसा, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। बाद में मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। चार्जशीट करीब 3000 पेज की है और इसमें कुछ किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि लाखा सिधाना और छह अन्य को फरार आरोपियों के रूप में नामित किया गया है क्योंकि वे गिरफ्तारी से बच रहे हैं।

दीप सिद्धू को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया

इस मामले में गिरफ्तार दीप सिद्धू को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि उसने 26 जनवरी को भीड़ को किसान परेड के अनुमत मार्ग का पालन नहीं करने और ट्रैक्टरों के साथ बैरिकेड्स तोड़ने के लिए उकसाया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि यह दिखाने के लिए वीडियो सबूत हैं कि सिद्धू लाल किले में समर्थकों के साथ लाठी और झंडे लेकर दाखिल हुए थे। अदालत को यह भी बताया कि वह किले की प्राचीर पर था जहां झंडा फहराया गया था।

राजधानी के कई हिस्सों में संपत्ति में तोड़फोड़ की

गणतंत्र दिवस पर, प्रदर्शनकारियों ने पूर्व निर्धारित मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए, पुलिस से भिड़ गए, और किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में संपत्ति में तोड़फोड़ की। उन्होंने लाल किले में भी प्रवेश किया और इसकी प्राचीर से अपने झंडे फहराए। गणतंत्र दिवस की हिंसा से संबंधित विभिन्न मामलों में अपराध शाखा, विशेष प्रकोष्ठ और स्थानीय पुलिस में कुल 43 विभिन्न मामले दर्ज किए गए और 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। किसानों ने नए कृषि कानूनों के विरोध में यह परेड गणतंत्र दिवस पर आयोजित की थी।

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