ऑब्जेक्टिव पेपर्स में की जाएगी निगेटिव मार्किंग

2020 की मुख्य परीक्षा में लागू होगी यह व्यवस्था

Meerut। सीसीएसयू से संबद्ध कॉलेजों में इस साल स्नातक लास्ट इयर में आब्जेक्टिव पैटर्न की सभी परीक्षाओं में निगेटिव मार्किंग की जा रही है। इस नियम का स्टूडेंट विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों यूनिवर्सिटी में हुई बैठक में फैसला लिया गया। इसी साल 2020 की मुख्य परीक्षा में यह व्यवस्था लागू होगी। हालांकि, अब इस नए नियम के विरोध में स्टूडेंट्स आवाज उठा रहे हैं।

होगा बहुत ही नुकसान

स्टूडेंट का मानना है ये कोई प्रतियोगिता परीक्षा नहीं है, जिससे किसी की जॉब का सिलेक्शन होगा। जो जितना सही करेगा उतना ही नंबर पाएगा, जितना गलत करेगा केवल उसी के मा‌र्क्स कटने चाहिए, एक सवाल को लेकर अन्य सही के नंबर नहीं कटने चाहिए। अगर उनके नंबर काटे जाते हैं तो वो आंदोलन तक भी कर सकते हैं। स्टूडेंट लीडर अनुज राठी का कहना है कि यूनिवर्सिटी को ऐसे ही निगेटिव मार्किंग नहीं करनी चाहिए ये तो हमारे मार्कशीट पर गहरा असर डालेगी, इससे बहुत दिक्कत होगी।

मेरिट पर पड़ेगा असर

लास्ट इयर की रेगुलर व प्राइवेट दोनों में बहुविकल्पीय आधारित परीक्षा होगी। इसके एक प्रश्न गलत होने पर एक चौथाई नंबर काटे जाएंगे। इस पैटर्न की शुरुआत के साथ ही स्टूडेंट के मेरिट पर इसका असर होगा, स्टूडेंट का मानना है कि आगे कहीं भी मेरिट से प्रवेश मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। स्टूडेंट आरती सक्सेना व अनुज शर्मा के अनुसार निगेटिव मार्किंग से छात्रों का नुकसान होगा। ये केवल जॉब की परीक्षा तक ही सीमित है, लेकिन अगर डिग्री के लिए भी इसका प्रयोग होगा तो बहुत ही नुकसान होगा।

निगेटिव मार्किंग नहीं होनी चाहिए, प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तो ठीक है, लेकिन अगर ऐसे डिग्री के लिए निगेटिव मार्किंग हो तो वो सही नही है।

आकृति

निगेटिव मार्किंग होगी तो आधे से ज्यादा नम्बर तो ऐसे ही कट जाएंगे, क्योंकि एक सवाल गलत होगा उसके नम्बर तो कटेंगे ही सही के भी कटेंगे।

ज्योति

निगेटिव मार्किंग नहीं होनी चाहिए, जो सवाल गलत किया है केवल उसी के नम्बर कटने चाहिए

जोया

अगर कुछ बदलाव किया जाता है तो वो एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए किया जाता है, निगेटिव मार्किंग भी इसी परपज से किया जा रहा है।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू