73 महानगरों की प्रतिस्पर्धा
इससे पहले देश के ऐसे 10 लाख की आबादी वाले 73 महानगरों के बीच स्वच्छता को लेकर कराई गई प्रतिस्पर्धा में बाजी मारने वाले शहरों की सूची तैयार की गई थी। इसके प्रदर्शन के आधार पर शहरों को केंद्रीय योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। वर्ष 2014 में इस तरह की पहली प्रतिस्पर्धा की शुरुआत देश के एक लाख की आबादी वाले 476 शहरों के बीच कराई गई थी। कराये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट में शहरों को रैंकिंग दी गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश का दमोह शहर सबसे निचले 476वें पायदान पर आया था। तब इस तरह के सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर कई सवाल उठाये गये थे कि दमोह की तुलना भला ग्रेटर मुंबई और चेन्नई से कैसे की जा सकती है? इसके बाद इसके लिए 10 लाख की आबादी वाले शहरों को चुना गया।

15 शहरों ने किया काम

इसी के मद्देनजर स्वच्छ सर्वेक्षण-2016 में 73 शहरों का समूह तैयार कराया गया, जिसमें 22 राज्यों की राजधानी वाले शहर शामिल किये गये हैं। शहरी विकास मंत्री नायडू सोमवार को उम्दा प्रदर्शन करने वाले 15 शहरों की एक अलग सूची जारी करने वाले हैं, जो विभिन्न वर्गो में अच्छा कार्य किया है। नतीजा सभी 73 शहरों का घोषित किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन में शहर को साफ सुथरा रखने के लिए निर्धारित मानकों पर खरा उतरना भी अहम होगा।

कैसे तैयार होती है रिपोर्ट
ठोस व तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन, सीवर शोधन, बरसाती पानी की निकासी और अन्य कई मानकों के आधार पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की गई है। जिन शहरों की शीर्ष रैंकिंग होगी, उनके लिए अतिरिक्त बजट के साथ अन्य सभी केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है। इस सर्वेक्षण में शहरी स्थानीय निकायों के कामकाज का भी ब्यौरा जांचा जाएगा। स्वच्छता की पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट की रैंकिंग में भारी फेरबदल की भी संभावना जताई गई है।

ये हैं टॉप 10 साफ शहर :-
1. मैसूर
2. चंडीगढ़
3. तिरुचिरापल्ली
4. नई दिल्ली
5. विशाखापत्तनम
6. सूरत
7. राजकोट
8. गंगटोक
9. पिपरी - चिचिवाड़
10. ग्रेटर मुंबई

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