- बुधवार को कर्क लग्न में दोपहर 11.30 बजे खोले गए गए तुंगनाथ धाम के कपाट

RUDRAPRAYAG: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट कर्क लग्न में बुधवार दोपहर 11.30 बजे पारंपरिक विधि-विधान के साथ खोल दिए गए। कपाट खुलने के मौके पर महज 20 लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। इनमें मुख्य पुजारी के अलावा तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारी मौजूद थे। इसी के साथ चारों केदार बाबा केदारनाथ, मध्यमेश्वर, तुंगनाथ व रुद्रनाथ अपने-अपने धाम में विराजमान हो गए हैं। जबकि, पांचवें केदार कल्पेश्वर धाम के कपाट वर्षभर खुले रहते हैं।

फूलों से सजाया गया था मंदिर

तृतीय केदार की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से सुबह 11 बजे तुंगनाथ धाम पहुंची। दोपहर 11.30 बजे डोली ने मंदिर की तीन परिक्रमा की और फिर कपाट खोलकर बाबा की भोगमूर्ति को गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया। मठाधिपति रामप्रसाद मैठाणी, सतीश मैठाणी, प्रकाश मैठाणी, विनोद मैठाणी, अजय मैठाणी व विजय भरत मैठाणी ने बाबा तुंगनाथ का पुष्प, अक्षत, घी, मक्खन, मेवा व विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री से अभिषेक किया। फिर मां दुर्गा की मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाकर दुर्गा मंदिर में स्थापित किया गया। इसी के साथ मंदिर में हवन की प्रक्रिया भी शुरू हुई। गर्भगृह में बाबा के साथ भूतनाथ, भैरवनाथ, रुद्रनाथ, पंचकेदार, मां पार्वती, पितृ देवता व वन देवियों की पूजा भी पूजा-अर्चना हुई। मंदिर समिति की ओर से मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस मौके पर तहसीलदार जेआर बधाणी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आरके नौटियाल, डोली प्रभारी युद्धवीर पुष्पवाण, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, विक्रम रावत, एसआइ रोबिन बिष्ट आदि मौजूद रहे।