- कॉलेज प्रिंसिपल ने 10 हजार रुपये में बेचे नि:शुल्क फॉर्म

- डीआईओएस ने गबन के मामले में दिए जांच के आदेश

आगरा। यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल माफिया सक्रिय हैं। वहीं, कॉलेज संचालक भी फर्जीवाड़ा करने में पीछे नहीं है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया। जहां लादूखेड़ा के शंकरलाल रामराज्य कॉलेज ने लाखों रुपये के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। बोर्ड परीक्षा के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से एक हजार फॉर्म भेजे गए थे। इसमें से एक भी फॉर्म विद्यालय के छात्र-छात्राओं को नहीं दिया गया। कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। शिकायतकर्ता विनय कुमार द्वारा इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है।

नकल माफियाओं को बेचे फॉर्म

आरोप है कि कॉलेज प्राचार्य द्वारा कार्यालय से प्राप्त हुए सभी फॉर्म नकल माफियाओं को मोटी रकम लेकर बेच दिए गए। इन्हें सात हजार से 10 हजार रुपये के बीच में बेचा गया। फॉर्म भरने वाले छात्र-छात्राएं नकल माफियाओं के विद्यालय में पढ़ रहे हैं। प्राइवेट फॉर्म भरने वाले छात्र-छात्राओं का परीक्षा सेंटर भी इसी विद्यालय में डलवा दिया गया।

फॉर्म में लगे फर्जी प्रमाणपत्र

प्राचार्य द्वारा नकल माफियाओं को बेचे गए फॉर्म में अधिकतर विद्यार्थियों के फर्जी प्रमाण-पत्र टीसी व मार्कशीट लगाए गए हैं। सूत्रों का कहना है इस फर्जीवाड़े में करीब 20 लाख रुपये से अधिक का गबन किया गया है, जिसमें विद्यालय की संचालिका और विद्यालय के प्राचार्य द्वारा इस फर्जीबाड़े को अंजाम दिया गया है। प्राइवेट फॉर्म में लगाए गए अधिकतर प्रमाणपत्र फर्जी बताए जा रहे हैं।

अधिकतर यूपी के बाहर के छात्र

प्राचार्य द्वारा अधिकतर फॉर्म प्रदेश के निकट दूसरे राज्य के विद्यार्थियों को दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि नकल माफियाओं की मदद से यह फॉर्म प्रदेश से बाहर रहने वाले विद्यार्थियों को दिए गए हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक छात्रा का कहना था कि नकल माफियाओं का कहना है कि यूपी से आसानी से बोर्ड की परीक्षा को पास किया जा सकता है।