- बूथ सेंटर पर दर्ज किया जाएगा बीएलओ का नाम, मोबाइल नंबर और पदनाम

- बीएलओ के खिलाफ मिल रहीं लगातार शिकायतों पर जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

आगरा। वोटर लिस्ट पुनर्रीक्षण में बीएलओ द्वारा की जा रही मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। बीएलओ के बूथ सेंटर पर न पहुंचने की कंप्लेन को देखते हुए डीएम गौरव दयाल ने जिले के सभी बूथ सेंटरों पर बीएलओ का पदनाम, नाम और उनका मोबाइल नम्बर अंकित कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे बूथ केंद्रों पर पहुंचने वाले लोगों को भटकना नहीं पड़े। उन्हें ये भी जानकारी हो सकेगी उनके क्षेत्र का बीएलओ कौन है।

अक्टूबर में ही पूरा किया जाना है कार्य

जिला प्रशासन को समय-समय पर बीएलओ की गैरहाजिरी की कंप्लेन प्राप्त होती रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ये काम (बीएलओ की जानकारी दर्ज)प्राथमिकता के तौर पर अक्टूबर में ही पूरा किया जाना है। तहसील अधिकारियों के अनुसार एक बूथ सेंटर पर नाम बीएलओ का पदनाम,नाम और मोबाइल नम्बर अंकित कराने के लिए 400 रुपये का खर्च आएगा। जिले में 3412 बूथ सेंटर हैं, जिन पर बीएलओ से जुड़ी जानकारी दर्ज कराने पर 13 लाख 64 हजार रुपये का खर्च आएगा।

विकलांगों का भी होगा सर्वे

इस बार चुनाव आयोग के निर्देश पर दिव्यांगों का भी सर्वे किया जाएगा। इसमें ये भी देखा जाएगा कि किस श्रेणी के दिव्यांग हैं। इसी के आधार पर बूथ सेंटरों पर रैंप बनवाई जाएंगी। ये सर्वे का काम अक्टूबर तक पूरा किया जाना है। पहले आयोग ने 15 अक्टूबर तक सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जिला प्रशासन ने सूची उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई थी। इसमें नेत्रहीनों के लिए गाइड ब्रेल लिपि, कुष्ठ रोगियों के लिए आश्रम के आसपास ही मतदान केन्द्र उपलब्ध कराने, विकलांगों को व्हीलचेयर उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी।