-जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित

-राजनैतिक दलों में तेज हुई सदस्यों की कशमकश

मथुरा: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित कर दी गई है। अपने-अपने सदस्यों को अपने पाले में बनाए रखने और दूसरों पर डोरे डाल रहे राजनैतिक दलों को अभी अपनी कसरत जारी रखनी पड़ेगी, क्योंकि अध्यक्ष पद के लिए मतदान और मतगणना आगामी 7 जनवरी तय की गई है।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी अपना नामांकन 1 जनवरी को करेंगे। उनके नामांकन की जांच इसी दिन होगी और इसके बाद 4 जनवरी को नामांकन वापसी सायं 3 बजे तक हो सकेगी। मतदान 7 जनवरी को होगा और इसके तत्काल बाद मतगणना कर परिणाम की घोषणा की जाएगी। गुरुवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव तिथि की घोषणा होते ही संबंधित राजनैतिक दलों में गोलबंदी तेज करने की रणनीति बननी शुरू हो गई। अब तक पकड़ से दूर चल रहे सदस्यों को साधने के लिए तरह-तरह की चालें भी चलनी शुरू कर दी गईं हैं। मथुरा जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बसपा का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने ताल ठोंकी हुई है तो रालोद ने उसकी प्रत्याशी ममता चौधरी का समर्थन किया हुआ है। बसपा ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है, लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री और मांट क्षेत्र के विधायक श्याम सुंदर शर्मा के सुपुत्र ललित शर्मा प्रत्याशी हो सकते हैं। उनकी मां सुधा शर्मा दो कार्यकाल पहले जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।

दो दिन पहले समाजवादी पार्टी ने भी अपने पत्ते खोलते हुए सुनीता नौहवार को प्रत्याशी बनाकर मुकाबला रोचक बना दिया है, हालांकि उसके महज तीन सदस्य हैं। सपा नेता अपने संपर्क में बहुमत से ज्यादा सदस्य होने का दावा कर रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा रहे विभिन्न दलों के राजनैतिक प्रबंधकों की मानें तो सपा प्रत्याशी मैदान में आने से भाजपा-रालोद में ज्यादा सेंधमारी हो सकती है।

चुनाव तिथि घोषित होने से पहले सभी दल अपने पक्ष में बीस से ज्यादा सदस्य बताते रहे हैं। बसपा कैंप अपने पक्ष में 23 सदस्य होने का दावा कर रहा है तो भाजपा-रालोद भी अपने साथ 20 से ज्यादा सदस्य बता रहा है, जबकि सपा ने भी प्रत्याशी घोषित होते ही ऐसे ही दावे किए हैं। जिला पंचायत में केवल 38 सदस्य हैं।