- पार्टीबंदी कर हो रही चुनावी चर्चा

- कर्मचारी पहुंचे प्रत्याशियों के नामांकन के साथ

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AGRA। डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी चुनावी हवा का रंग चढ़ने लगा है। चुनावों के दौरान तो ऐसा लग रहा है कि सभी का दिमाग सिर्फ राजनीति में ही चल रहा है। कौन बनेगा सांसद, बाबूलाल की राजनीति, प्रचार और फिर बचा हुआ समय इसमें चला जाता है कि मोदी का असर क्या खत्म हो पाएगा? कुछ यही हो रहा है आजकल यूनिवर्सिटी में।

काम कम राजनीति ज्यादा

यूनिवर्सिटी में इन दिनों काम कम हो रहा है राजनीति ज्यादा हो रही है। कौन जीतेगा, कौन हारेगा जैसी बातें ही यूनिवर्सिटी में सुनाई दे रही हैं। किसी भी कमरे में चले जाओ या किसी भी विभाग में चले जाओ। सिर्फ चुनाव ही चुनाव नजर आ रहा है।

पार्टीबंदी हो रही है यहां

यूनिवर्सिटी में भी पार्टीबंदी हो रही है। कोई भाजपा को वोट देने की बात कर रहा है तो किसी को सपा पसंद है। किसी की पसंद कांग्रेस की है तो किसी को आप पार्टी पर मुहर लगाने का मन है। इसी विचार विमर्श में यूनिवर्सिटी के बाबू से लेकर टीचर्स तक पार्टियों में बंट गए हैं। पार्टियों की तरह यहां भी पार्टियां बन गई हैं। सपा वाले भाजपा को उनकी गलतियां सुनाते हैं तो कांग्रेस वाले आप को घेरते दिखाई देते हैं।

नामांकन में भी साथ देने गए कई लोग

यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारी और बाबू ऐसे भी थे जो फ्राइडे को कुछ प्रत्याशियों के साथ नामांकन के लिए गए थे। नामांकन के साथ जाने वाली रैली में वे भी अपनी महत्ता दिखाना चाहते थे। इसलिए वे फ्राइडे को यूनिवर्सिटी से गायब होकर रैली का हिस्सा बनने चले गए।

छात्र नेता भी रहे बिजी

फ्राइडे को कोई भी छात्र नेता यूनिवर्सिटी में दिखाई नहीं दिया। फ्राइडे को लगभग सभी प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन करने थे। इसलिए छात्र नेता अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशी के साथ भीड़ बढ़ाने को स्टूडेंट्स लेकर पहुंचे थे। दिन भर वे प्रत्याशियों के साथ ही बिजी रहे।