-खूब हुई चुनावी चर्चा, जगह-जगह सजी चौपाल

-हर पल बनती और बिगड़ती रहीं सरकारें

ALLAHABAD: सिटी के लोगों को यदा कदा ही ऐसे अवसर मिलते हैं जब दिल खोलकर बतकही हो। बात चुनावी चर्चा की हो तो भला कौन पीछे रह सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा शहर के हर गली नुक्कड़ और चौराहे पर वेडनेसडे को पूरे दिन देखने को मिला। चुनावी चकल्लस में हर पल सरकारें बनती और बिगड़ती रहीं।

पूछा कउन जीती बोले वही-वही

बात कोतवाली रोड से शुरू करते हैं। मतदान सुबह सात बजे शुरू होना था। लेकिन बहुतेरे सुबह आंख खुलने के बाद सड़क पर पहुंच गए। किसी ने टोकने की हिमाकत भी की तो बोले अरे, देख के तो आई का माहौल है। कोतवाली रोड पर रहने वाले ऐसे ही एक सज्जन सड़क पर पहुंचे तो आंखों में चमक आ गई। मित्र मंडली चुनावी चौपाल सजाए चर्चा में मशगूल थी। एक की नजर उन परपड़ी तो बोला का हो पांडे जी आपै के कमी रही। पांडे जी गंभीर मुद्रा में, बगैर जवाबी हमला बोले सीधे प्वाइंट पर आए और बोले का माहौल है। सवाल पूरा होता उससे पहले ही एक शख्स ने तपाक से जवाब दिया माहौल का है। वही जीती, पांडे जी फिर जाने अंजाने सवालिया लहजे में आए और पूछा कौउन? जवाब मिला अरे वही वही

हमका का देईहें जो हम देई

कोतवाली रोड से आगे खुल्दाबाद की ओर बढ़े तो एक और टोली चर्चा में मशगूल थी। इसमें एक ने दूसरे से सवाल दागा बोट किएव की नय तो दूसरे ने जवाब दिया का देई सब वैसई हैं। इस पर पहले ने थोड़ा झल्लाते हुए कहा अमें वोट खराब न करो फलाने का जिताना है कि तो दूसरे ने तल्ख लहजे में कहा हम काहे जिताई हमका का देईहेंबातचीत का दौर चल ही रहा था कि दूसरे से भी पूछा गया का गुरु, तुमहूं नय दिएव काये महाशय वोट देने को थोड़ा सजग देखे गए। मगर इन्हें जल्दी वोट डालकर आ जाना शायद गंवारा नहीं था बोले पहिले पेट पूजा होई कि वोटै देय चले जाब

मोदिवा तो गजब कर दिहेस भाई

बतकही के दौर में एक तीसरी मंडली करैलाबाग के पास जमी मिली। जिसमें एक शख्स ने थोड़ा भौचक्के अंदाज में कहा अमें मोदिवा तो गजब कर दिहेस भाईजेका देखो मोदीयै के दै रहा है। बोले प्रत्याशी का तौ कउनव पूछै नए रहा है। बस सब दनादन दबाए पड़े हैं। इसपर एक विपक्षी ने आब्जेक्शन करते हुए कहा ई सब फालतूवै के भौकाल है। रिजल्ट आए देव सब पता चल जाई। बात छंटी और चर्चा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जाकर टिकी। एक ने गुस्साए लहजे में हल्के अंदाज में कहा खूब लूटेन भाई पांच साल बोले सिलेंडर, पेट्रौल के दाम तो डेलियै बढ़ रहा हैबात घूमकर आसपास दिख रहे कुछ छुटभईया नेताओं की ओर घूमी तो एक ने कहा चुनाव आवा नहीं कि मंडराय लगें। इस पर दूसरे ने कहा कल से नजर नय आवै वाले हैं। इतने में पहले ने कहा अबकी इनहूं सब का समझ में आय जाई।

अबकी कितना परसेंटेज होई

धूमनगंज एरिया में ट्रिपलआईटी के समीप जमा एक चौपाल मतदान के दिन पसरे सन्नाटे को लेकर खासी परेशान देखी गई। एक ने कहा अमें, जईसे शहर में करफू लग गवा होए। कउनव निकलै नय रहा हैदूर दूर तक सन्नाटा पसरा है तो दूसरे ने कहा अमें, सबसे ज्यादा तो पढै़ लिखै वाले लोग नरक किए हैं। निकलतै नय न वोट देयछुट्टी मनाय रहे हैं घर में घुसके। इस पर एक ने चिंता जताते हुए सवाल उछाला अबकी कितना परसेंटेज होई तो दूसरे ने कहा का होई जब सब निकलिहें तब होई की अईसै होइ जाई।