- खाली जमीन से लेकर दुकान, मकान सड़क को पूरा ब्योरा होगा अपडेट

आगरा। अब एक क्लिक पर जनपद में खाली पड़ी जमीन की जानकारी होगी। पूरे जनपद का डाटा ऑनलाइन पोर्टल पर सुरक्षित रखा जाएगा। नेशनल अर्बन इन्फॉरमेंशन सिस्टम के तहत सर्वे का काम चल रहा है। सिटी के नगर निगम, जलकल, विकास प्राधिकरण, बिजली सरकारी भूमि समेत कई विभागों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।

फिलहाल हो रहा सर्वे

फिलहाल नेशनल अर्बन इन्फॉरमेशन सिस्टम के तहत ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके अंतर्गत एक क्लिक में जनपद की किसी भी कोने की खाली पड़ी नजूल यानी सरकारी भूमि, अमुक क्षेत्र में कितने मकान हैं, कितनी चौड़ी सड़क है, कहां पर जमीन के नीचे पाइपलाइन बिछी है आदि जानकारी मिलेगी। इसका डाटा हर समय अपडेट होता रहेगा।

सेटेलाइट से जुटाई जा रहीं सूचनाएं

सेटेलाइट के माध्यम से ये सारी सूचनाएं जुटाई जा रहीं हैं। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एनआरएसई डॉट जीओवी डॉट इन नाम से पोर्टल तैयार किया गया है।

मास्टर प्लान बनाने में मिलेगी हेल्प

ऑनलाइन पोर्टल पर ये डाटा सुरक्षित होने से किसी भी योजना के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के लिए महीनों सर्वे और स्टडी में समय नहीं गुजारना होगा। आला अधिकारियों को सिर्फ ग्राउंड मैप तैयार करके अपना प्लान शासन के समक्ष रखना होगा।

पायलट पोजेक्ट के रूप में पांच जिले

पहले फेज में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, मेरठ, बनारस को शामिल किया गया है। इन जिलों में मैपिंग सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है। इसमें मैपिंग का काम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा किया जा रहा है।

सेकिंड फेज में होगा आगरा शामिल

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो फिलहाल ये प्रोजेक्ट पांच जिलों के लिए ही बनाया गया है। इन पांच शहरों में पहले ये पोर्टल काम करेगा। पोर्टल की सफलता को देखते हुए सेकिंड फेज चलाया जाएगा। इस फेज में आगरा को भी शामिल किया जाएगा।

मिलेगा प्रशिक्षण

इस पोर्टल के माध्यम से कैसे जानकारी प्राप्त की जाए? इसके लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें विकास प्राधिकरण, नगर निगम, नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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ये होगा फायदा

शासन और प्रशासन को भूमि की उपलब्धता का मालूम रहेगा

मकान की गणना के साथ हाउस टैक्स तय करने में आसानी

आवासीय योजनाओं के लिए जमीन खोजने में सरलता रहेगी

ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए प्रोजेक्ट जल्द बन सकेंगे

ये रहेगा पोर्टल का नाम

डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एनआरएसई डॉट जीओवी डॉट इन