- प्रोफेसर के हमले में दूसरे प्रोफेसर के नाम पर एफआईआर

- नकल पकड़ने के बाद शुरू हुआ था विवाद

आगरा। आरबीएस के प्रोफेसर पर मंगलवार को हमला हुआ। उन्हें अधमरा हालत में छोड़कर हमलावर फरार हो गए। पुलिस ने हॉस्पिटल में भर्ती करके जान बचाई। इस हमले में एक प्रोफेसर का हाथ होना सामने आ रहा है। इस घटना के पीछे परीक्षाओं में नकल माफियाओं का कोकस का भी खुलासा हो गया है।

शास्त्रीपुरम अंसल कोडयार्ड निवासी प्रेमशंकर तिवारी आरबीएस में प्रोफेसर हैं। वे अपनी सेंट्रो आई-10 कार से हर रोज की तरह मंगलवार सुबह 7 बजे कॉलेज जा रहे थे। निखिल पैराडाइज के पास ब्रेकर में जैसे ही गाड़ी धीमी की, कि उन पर कुछ बदमाशों ने सरिया से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। प्रोफेसर को मरा समझकर बदमाश फरार हो गए। पुलिस सूचना पर घटना स्थल पहुंची और प्रोफेसर को हॉस्पिटल में भर्ती कराया। उनके सिर और मुंह पर गंभीर चोटें आई हैं। प्रोफेसर तिवारी ने कॉलेज के प्राक्टर पुष्पेंद्र सिंह समेत तीन-चार अज्ञात के खिलाफ एफआईआर सिकंदरा थाना में दर्ज कराई है। सिकंदरा थाना इंस्पेक्टर ने बताया कि घायल प्रोफेसर की तहरीर पर प्रॉक्टर पुष्पेंद्र समेत तीन-चार अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

नकल पकड़ने को लेकर हुआ विवाद

पीडि़त प्रोफेसर तिवारी ने बताया कि एलएलबी की परीक्षा चल रही है। वे सुबह शिफ्ट के इंचार्ज हैं। सोमवार को एक छात्र को नकल करते पकड़ लिया। उसकी कापी जमा करके बाहर कर दिया। इस पर प्रॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह को आपत्ति थी। उनका कहना था कि छात्र को बुक किया जाए। लेकिन प्रोफेसर तिवारी कड़ी कार्रवाई नहीं चाहते थे। उनका ये इंकार पुष्पेंद्र को नागवार गुजरा। प्रोफेसर पर हमले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

बुक छात्रों से होती है उगाही

बताया जा रहा है कि परीक्षाओं में नकल और बुक पर बड़ी उगाही होती है। बुक छात्र को कार्रवाई से बचाने के लिए रुपया के लेनदेन होता है। इसका एक पूरा गिरोह काम कर रहा है।

वीसी मिलने पहुंचे

प्रोफेसर प्रेमशंकर तिवारी पर हमले की निंदा वीसी अरविंद दीक्षित ने की। वे घायल प्रोफेसर को देखने हॉस्पिटल भी पहुंचे। उन्होंने प्रोफेसर से हालचाल पूछा।