आगरा। लाखों रुपए के वजट से वन विभाग द्वारा गुरुवार को हाईवे किनारे सर्विस रोड पर पहली बाद पौधरोपण का कार्य किया गया है। लेकिन फॉरेस्ट के अफसर प्लांटेशन की रकम का दुरुपयोग कर रहे हैं, वहीं ज्यादातर जगहों पर पेड़ ही नहीं लगे हैं। दो दिन पूर्व छायादार वृक्ष लगाने के लिए सिकंदरा से भगवान टॉकिज वहीं वाटर वाक्र्स तक पेड़ लगाए गए हैं, यह पेड़ छाया के लिए हाईवे स्थित सर्विस रोड पर लगाए गए हैं, जिसमें पीपल, बर, नीम और पकर, पापड़ी के वृक्ष शामिल हैं।


आवारा पशु खा गए सभी पेड़
नगर निगम की ओर से छायादार पेड लगाने का अभियान चलाया गया है, वहीं इसी क्रम में हाइवे किनारे सर्विस रोड पर गुरुवार को छायादार पेड़ लगाए गए हैं, जिसके अंतर्गत हजारों पेड़ों को खड्डा करने के बाद लगाया गया है, दो दिन में अधिकतर पेड़ पूरी तरह सूख गए हैं, तो वहीं बड़ी संख्या में पेड़ आवारा पशुओं का निवाला बन गए हैं। ऐसे में छाया और हाइवे पर ऑक्सीजन के लिए लगाए गए पेड़ पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।


सामने आई अधिकारियों की लापरवाही
वन विभाग की से बिना ट्री गार्ड के हाइवे स्थित सर्विस रोड पर बड़ी संख्या में पेड़ लगाए गए हैं। यह पेड़ दो पहले ही लगाए गए, अधिकारियों के दिशा निर्देश के बाद यह कार्य कराया गया है, लेकिन इनमें से अधिकतर पेड़ों को या तो जानवर खा गए या फिर तोड़ दिया गया। लेकिन अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया, लापरवाही सामने आने पर भी इन पेड़ों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

हमें पेड़ पौधे क्यों लगाना चाहिए
हाइवे किनारे पेड़ न केवल कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं बल्कि वाहनों और उद्योगों द्वारा उत्सर्जित अलग-अलग हानिकारक गैस को भी अवशोषित करते हैं। यह प्रदूषण को कम करने का एक एक आसान तरीका है। अधिक पेड़ लगाने का मतलब प्रदूषण को कम करना है। वायु प्रदूषण के अलावा पेड़ भी ध्वनि और जल प्रदूषण को कम करने में सहायता करते हैं।

विभाग को देखभाल के लिए करने होंगे उपाय
विभाग द्वारा हरियाली का स्तर बढ़ाने के लिए एक अभियान के रूप में कार्य किया जा रहा है, लेकिन देखा गया है कि अधिकतर पेड़ रखरखाव नहीं होने के कारण नष्ट हो जाते हैं।
-राजेश मगरानी



सरकार द्वारा हरियाली को बढ़ावा देने के लिए हर साल लाखों पूड़ लगाए जाते हैं, इनमें से कुछ ही पेड़ बड़े होते हैं, जबकि अधिकतर पेड़ देखभाल नहीं होने के कारण खत्म हो जाते हैं।
सुमन सुराना, समाजसेवी



सरकार को पेड़ लगाने से पहले देख भाल के लिए इनकी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, लापरवाही के कारण पेड़ पूरी तरह खत्म हो जाते हैं। इसके लिए संबंधित विभाग को ठोस उपाय करने चाहिए।
डॉ। विशेष राजपूत