- आगरा, मेरठ समेत तमाम वेस्ट यूपी के सिटीज में होगा आर्थिक विकास

- आगरा में टूरिज्म के नए डेस्टीनेशन बनेंगे, रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे

आगरा। आगरा मेट्रो का शिलान्यास करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वेस्ट यूपी के विकास की तस्वीर भी पेश कर दी। रीजनल रैपिड टांजिट सिस्टम, जेवर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो या फिर दिल्ली-मेरठ 14 लेन एक्सप्रेसवे, यह सभी वेस्ट यूपी के विकास की इसी तस्वीर का हिस्सा हैं। सोमवार को आगरा मेट्रो के शिलान्यास के साथ ही वेस्ट यूपी का विकास अब और गति पकड़ेगा।

आईटी इंडस्ट्रीज की बनेगा पसंद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पीएसी ग्राउंड पर आगरा मेट्रो निर्माण के वर्चुअल इनॉग्रेशन करने के बाद जब लोगों से रूबरू हुए, तो उन्होंने वेस्ट यूपी के विकास का पूरा खाका पेश कर दिया। आगरा मेट्रो के साथ इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। आगरा मेट्रो सिर्फ लोगों के आवागमन का माध्यम ही नहीं बनेगा, बल्कि शहर की आर्थिक गति को भी रफ्तार देगा। यहां आईटी समेत अन्य इंडस्ट्रीज स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी। जिससे शहर के लोगों को रोजगार मिलेगा।

राजधानी तक आसान होगी पहुंच

नेशनल कैपिटल से वेस्ट यूपी के दोनों शहर आगरा और मेरठ टच कर रहे हैं। मेरठ जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझ रहा है, वहीं ताज ट्रिपेजियम जोन में होने के कारण आगरा से इंडस्ट्रीज पलायन कर चुकी हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेस्ट यूपी को लेकर विकास की परिकल्पना इन शहरों की तस्वीर बदल सकती है। मेट्रो और ग्रीनफील्ड जेवर एयरपोर्ट जहां आगरा के विकास को गति देगा, वहीं आरआरटीएस ओर मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे मेरठ में इंफ्रास्टक्चर को मजबूत करेगा। इन शहरों से नेशनल कैपिटल दिल्ली की दूरी को कम करेगा।

पर्यटन को मिलेगी रफ्तार

मेट्रो आगरा कैंट से ताज तक जाने के लिए पर्यटकों का मुख्य माध्यम तो बनेगी ही। साथ ही शहर के अन्य टूरिज्म डेस्टीनेशन को भी इससे फायदा मिलेगा। शहर के स्मारकों तक मेट्रो की पहुंच होगी, इसके साथ ही मेट्रो के बहाने आसपास के टूरिज्म के अन्य रास्ते भी खुलेंगे। आने वाले दिनों में बाह का बटेश्वर और पिनाहट के चंबल सेंचुरी में भी इस प्रोजेक्ट से टूरिस्ट बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

मीनों के बढ़ेंगे दाम

आगरा मेट्रो ग्रीनफील्ड जेवर एयरपोर्ट, आरआरटीएस, मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे के पूरे होने के बाद जमीनों की कीमतों में भी इजाफा होगा। ऐसे में यहां के लोगों और किसानों को इसका फायदा मिलेगा।

मेट्रो देगी आगरा को गति

मेट्रो रेल आगरा को गति देगी। सिर्फ यहां के लोगों क ो आवागमन का साधन ही मुहैया नहीं कराएगी, बल्कि टूरिज्म और रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। करीब आठ हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट को पांच वर्ष में पूरा करने का दावा किया जा रहा है।

सिग्नल फ्री है दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मेरठ हाईवे दिल्ली से डासना तक 14 लेन का है। डासना से मेरठ तक यह हाईवे 6 लेन का हो जाएगा। इस हाईवे के दोनों तरफ वíटकल गार्डन विकसित किए गए हैं। सड़क के दोनों तरफ ढाई मीटर का साइकिल पाथ भी बनाया गया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोलर सिस्टम से लैस लाइटें लगी हैं। इस एक्सप्रेस वे पर कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ जैसे पुरातत्व विरासतों के स्मारक चिह्न भी स्थापित किए गए हैं। एक्सप्रेस वे के बनने के बाद 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुंच सकेंगे। इस हाईवे पर 5 फ्लाईओर हैं और 4 अंडरपास हैं.4 फुटओवर ब्रिज भी इस एक्सप्रेसवे पर बने हैं। एक्सप्रेस-वे सिग्नल फ्री है।

आरआरटीएस से मिलेगी रफ्तार

दिल्ली से मेरठ के बीच यातयात में लोगों को भीड़ और प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का निर्माण किया जा रहा है। इस कॉरिडोर से दो शहरों की दूरी एक घंटे से भी कम समय मे पूरी कर सकेंगे। पहले चरण में 3 कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा हैं जिनमे दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी शामिल है। भारत मे बनाने वाला पहला आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ 82 किलोमीटर लंबा होगा। इस आरआरटीएस में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 14.12 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा। इस प्रोजेक्ट से मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जाने वालों को खासा फायदा होगा। भारत मे लागू होने वाली अपने किस्म की ये पहली परियोजना है। अभी तक मेट्रो के जरिए लोग शहर के अंदर सफर करते थे। इससे अलग आरआरटीएस से सेमी अर्बन और अर्बन केंद्रों को जोड़ा जाएगा। आरआरटीएस प्रोजेक्ट में मेट्रो और भारतीय रेल से अलग कई खूबियां हैं। यह इस प्रोजेक्ट ट्रेन 180 किलोमीटर की अधिकतम गति से चल सकती है और प्रति घंटा 160 किलोमीटर ये संचालित होगी। इस ट्रेन की औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा और ये 60 मिनट से भी कम समय मे दिल्ली से मेरठ की दूरी तय करेगी। 9 कोच की ये ट्रेन विपरीत मौसम में भी चलेगी।

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से अर्थव्यवस्था पकड़ेगी रफ्तार

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण होना है। बता दें कि जेवर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा होगा। इसके कंस्ट्रक्शन से जुड़े कामकाज देखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 'यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी का गठन कर दिया है। इस हवाईअड्डे के बनने से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बोझ घटेगा। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। रोजगार और व्यापार तो बढ़ेगा ही, साथ ही निवेशक भी उत्तर प्रदेश की ओर रुख करेंगे।