एनआईआरएफ की रैंकिंग के लिए मांगा गया विश्वविद्यालयों से ब्यौरा

पैरामीटर्स पर बेस होगा टॉप इंस्टीट्यूशंस का डिसीजन

ALLAHABAD: देशभर के विश्वविद्यालयों के पास एक बार फिर खुद को टॉप मोस्ट श्रेणी में शामिल करने का सुनहरा मौका है। यह मौका है नेशनल इंस्टीट्यूशन रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में शामिल होने का। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की ओर से दिशा-निर्देश जारी हो गये हैं। अब यूनिवर्सिटीज की जिम्मेदारी है कि वे खुद को कैसे प्रेजेंट करते हैं?

अप्रैल 2016 में पहली रैंकिंग

मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) नई दिल्ली ने नेशनल इंस्टीट्यूशन रैकिंग फ्रेमवर्क की लांचिंग वर्ष 2015 में की थी। इसमें देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानो की शैक्षिक उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें प्रतिष्ठित रैंक दी जाती है। इसी आधार पर संस्थान का आंकलन किया जाता है कि करेंट में उसका स्तर क्या है? एनआईआरएफ की पहली रैकिंग अप्रैल 2016 में जारी हुई।

ऑनलाइन पोर्टल पर डाटा

एनआईआरएफ की दूसरी रैकिंग की तैयारी है। विश्वविद्यालयों से शैक्षिक उपलब्धियों का ब्यौरा देने को कहा गया है। यह विवरण ऑनलाइन बनाये गये सेंट्रलाइज पोर्टल www.nirfindia.org पर अपलोड करनी है। इसके लिए तय पैरामीटर्स में टीचिंग एंड लर्निग रिसोर्सेस, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस आदि शामिल हैं।

2017 की जारी होगी रैंकिंग

साल 2017 की रैकिंग साल की शुरूआत से पहले जारी कर दी जायेगी। मालूम हो कि अप्रैल 2016 में जो रैकिंग जारी की गई थी। उसमें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी 68वें पायदान पर थी। मोती लाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) इलाहाबाद 23वें स्थान पर था। इस पूरी कवायद के पीछे की बड़ी वजह विश्व के 200 सर्वश्रेष्ठ संस्थानो में भारत को जगह दिलवाना है। इसके लिए एमएचआरडी ने योजना भी लांच की है। जिसमें दस सरकारी और दस निजी शिक्षण संस्थानो को 500 करोड़ रूपये की वित्तीय मदद के अलावा कोर्स एवं फीस निर्धारण की स्वायत्ता दी जायेगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि संस्थान एनआईआरएफ की रैकिंग में अंडर 25 में शामिल हो और उसके पास नैक की टॉप ग्रेडिंग हो।