प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उमेश पाल हत्याकांड के बाद एक के बाद एक भू माफिया सुर्खियों में आ रहे हैं। ताजा मामला अशरफ का है। ये अशरफ माफिया अतीक का भाई नहीं है, बल्कि ये अशरफ हरवारा का रहने वाला है और ये अतीक गैंग का सक्रिय सदस्य बताया जाता है। इस पर तीस करोड़ की जमीन को लेकर हेराफेरी का आरोप लगाया है। यानि माफिया ब्रदर्स ने ही नहीं बल्कि उसके गैंग के सदस्यों ने भी जमीनों को कब्जाने और उसे बेचने के लिए फ्रॉड पर फ्रॉड किए। लंबे समय तक ऐसे मामलों में पीडि़त अपनी जान की खातिर शिकायत नहीं करते थे या फिर शिकायतों को पुलिस सुनती नहीं थी। खैर, जमीन के मालिक ने एयरपोर्ट थाने में अशरफ और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कटहुला में है जमीन
गौसपुर कटहुला के रहने वाले नफीस अहमद जीटीवी नगर में रहते हैं। नफीस अहमद ने एयरपोर्ट थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक मोहम्मद अशरफ पुत्र मकबूल अहमद निवासी हरवारा उनकी गौसपुर कटहुला में स्थित जमीन को बेचने का प्रयास कर रहा है। इसकी जानकारी होने पर नफीस अहमद ने अपने स्तर से पता किया तो उन्हें मालूम हुआ कि अशरफ ने अनस हारुन एवं अन्य सहयोगियों के साथ उनकी भूमि आराजी संख्या 820 का जोकि 11 बीघा 16 बिस्वा है। फर्जीवाड़ा करके 42 वर्ष पूर्व की तिथि का बैनामा बनवाया गया है।

उपनिबंधक कार्यालय से गायब है स्याहा रजिस्टर

नफीस के मुताबिक जब उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बैनामे के बारे में उपनिबंधक कार्यालय में पता किया तो जानकारी लगी कि बैनामे के समय का स्याहा रजिस्टर गायब है। उस समय के बैनामे का इंडेक्स रजिस्टर भी गायब है। तहरीर में बताया गया है कि भू माफिया अशरफ और उसके साथियों के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मामले कई थानों में दर्ज हैं। नफीस ने आरोप लगाया है कि फर्जी बैनामे में उनके पिता जुनैद आलम का हस्ताक्षर उर्दू में है। जबकि उनके पिता अपना हस्ताक्षर अंग्रेजी में करते थे। इसके अलावा 1981 में आराजी संख्या 820 के विधिक स्वामी उनके पिता नहीं बल्कि दादी सहर बानो थीं। नफीस ने आरोप लगाया गया है कि जब से वह अपनी बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं तब से उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है।