प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अतीक ब्रदर्स मर्डर केस के आरोपितों पर शुक्रवार को आरोप तय नहीं हो सका। नियत डेट पर जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग प्रतापगढ़ जेल से तीनों शूटर कोर्ट में पेश किए गए। आरोपित शनि की ओर से नामित अधिवक्ता द्वारा प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया। उन्होंने याचना की कि कुछ कागजात पेश करने के लिए उन्हें वक्त चाहिए। उनकी याचना स्वीकार करते हुए जिला जज संतोष राय द्वारा सुनवाई के लिए अगली तिथि 04 दिसंबर 2023 मुकर्रर की गई। अब इसी डेट पर आरोप के बिन्दु पर बहस की जाएगी।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से आरोपित हुए पेश
बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। धूमनगंज इलाके में हुई इस घटना की गूंज प्रदेश व गैर प्रदेशों तक पहुंची थी। इसी मामले में जेल से कस्टडी रिमांड पर लिए गए अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल की रात काल्विन हॉस्पिटल गेट के अंदर तीन शूटरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने मौके से बांदा जिले के लवलेश तिवारी, हमीरपुर के सनी ङ्क्षसह और कासगंज जिले के अरुण मौर्या को गिरफ्तार किया था। सुरक्षा के मद्देनजर इन तीनों को शूटरों को प्रतापगढ़ जिला कारागार में रखा गया है। हत्याकांड की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की गई थी। विवेचना के बाद यह टीम 13 जुलाई को शूटरों लवलेश, सनी और अरुण के विरुद्ध आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल की थी। तब से कई तिथि पर सुनवाई टल चुकी है। पिछली नियत तिथि पर आरोपित सनी की पैरवी करने के लिए अदालत ने रत्नेश कुमार शुक्ल को अधिवक्ता नामित किया था। शुक्रवार को आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय करने के बिन्दु पर सुनवाई होनी थी। मगर अधिवक्ता रत्नेश द्वारा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें कहा गया कि आरोप के बिन्दु पर बहस करने के लिए उन्हें कुछ कागजात दाखिल करना है। उनकी इस याचना को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई के लिए अगली डेट चार दिसंबर की मुकर्रर किया है।

आरोपित अरुण मौर्या व लवलेश के अधिवक्ता गौरव ङ्क्षसह नियुक्त हैं। हत्यारोपित अरुण, लवलेश और सनी ङ्क्षसह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 307, 302, 120 बी, 419, 420, 467, 468, आम्र्स एक्ट तथा 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया जा चुका है। अब तीनों शूटरों पर इन्हीं धाराओं के अंतर्गत आरोप तय होना है।
गुलाब चंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी