ALLAHABAD: स्कूल प्रबंधक पद के विवाद में 22 साल पहले हुई हत्या में डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक इलाहाबाद के अध्यक्ष सपा नेता सुघर सिंह समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। एडीजे रामचंद्र यादव ने आरोपियों पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में ले लिया गया।

सपा के नेता हैं सुघर सिंह

अभियोजन के मुताबिक सैनी कोतवाली अंतर्गत शाखा गांव के ब्रह्मदेव जूनियर हाईस्कूल में प्रबंधक पद को लेकर सुघर सिंह और ब्रह्मदीन मिश्र के बीच विवाद चल रहा था। चार जुलाई 1994 की शाम लगभग 4.30 बजे वादी ब्रह्मदीन का चचेरा भाई सियालाल नलकूप पर मौजूद था। तभी सुघर सिंह, राजेंद्र सिंह व पवन कुमार सहित कई लोग पहुंचे और फाय¨रग करने लगे। इसमें सियालाल की मौत हो गई। जिस स्कूल का विवाद था, उसके अध्यक्ष अर्जुन सिंह थे। सुघर सिंह अपने चाचा रामसागर को प्रबंधक बनाना चाहते थे। शासकीय अधिवक्ता अब्दुल लतीफ ने दर्जन भर से अधिक गवाहों को कोर्ट में पेश किया। सभी पक्षों को सुनने के बाद एडीजे (पंचम) रामचंद्र यादव ने सुघर सिंह राजेंद्र सिंह व पवन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

दूसरे पक्ष से चार लोगों को कैद

सियालाल की हत्या के आरोपी सुघर सिंह ने भी दूसरे पक्ष के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अभियोजन के अनुसार सुघर सिंह अपने साथियों के साथ निमंत्रण से एक जून 1996 को घर लौट रहे थे। इसी दौरान रामानंद निषाद, केशव यादव, चंद्रभान व ब्रह्मदीन ने फाय¨रग की। इससे उन्हें चोट आई थी। इस मामले में भी दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एडीजे पंचम रामचंद्र यादव ने चारों आरोपियों को 10-10 साल की कैद व 13-13 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोनों मुकदमे कौशांबी के जनपद के रूप में अस्तित्व में आने से पहले के हैं। दोनों मामले की सुनवाई इलाहाबाद की अदालत में हो रही थी। इसमें सीबीसीआइडी जांच भी हुई थी। वर्ष 1997 में कौशांबी जिला बनने के बाद मुकदमा स्थानांतरित हुआ। इस वजह से निस्तारण में देरी हुई।