54.19
प्रतिशत परीक्षार्थियों ने दी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2017
21
जिलों के 982 परीक्षा केन्द्रों पर रविवार को हुई आयोजित
455297
अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए कराया था पंजीकरण
246710
परीक्षार्थी दोनों पालियों की परीक्षा में हुए शामिल
68
परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे इलाहाबाद में
64.22
फीसदी अभ्यर्थी इलाहाबाद में बने केंद्रों पर परीक्षा में हुए शामिल
09.30
बजे से शुरू होकर 11.30 बजे तक चली पहली पाली की परीक्षा
02.30
बजे से शुरू होकर 04.30 बजे तक चली दूसरी पाली की परीक्षा
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2017 की पहली पाली के सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में सम सामयिक खंड के प्रश्नों ने अभ्यर्थियों को छकाया
ALLAHABAD: लोक सेवा आयोग की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2017 रविवार को हुई। पहली पाली में सामान्य अध्ययन में सबसे ज्यादा सम सामयिक के प्रश्नों ने अभ्यर्थियों को परेशान किया। पर्यावरण व राजव्यवस्था से संबंधित प्रश्न कठिन रहे। इतिहास के प्रश्नों का स्तर वैकल्पिक विषय के अनुरूप रहा। दूसरी पाली में सीसैट के तहत सम्प्रेषण, गणित, रीजनिंग, हिन्दी व्याकरण व अंग्रेजी के प्रश्न भी कठिन रहे।
कठिन थे प्रश्नों के विकल्प
सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में कुल 150 प्रश्न पूछे गए थे। सम सामयिक के अन्तर्गत स्वदेश दर्शन कार्यक्रम, अर्थव्यवस्था की चक्रव्यूह चुनौती, सतत विकास लक्ष्य, सूर्य ऊर्जा से चलने वाली देश की पहली ट्रेन, मिताली राज का रिकार्ड, प्रदेश का सबसे गंदा शहर, सुकन्या योजना व मेक इन इंडिया प्रश्न कठिन तरीके से बनाए गए थे। इस बार प्रश्नों के विकल्प कठिन थे। दूसरी पाली में सीसैट के अन्तर्गत भी कठिन प्रश्न पूछे गए थे। इस खंड में प्रश्नों की संख्या सौ थी। गणित व रीजनिंग के साथ ही अंग्रेजी के प्रश्नों ने अभ्यर्थियों को खूब परेशान किया।
समसामयिक, पर्यावरण व राजव्यवस्था के प्रश्न नए रहे। इतिहास के प्रश्नों का स्तर वैकल्पिक विषय के प्रश्नों के अनुरुप रहा। सतही ज्ञान वाले अभ्यर्थियों को झटका लगेगा।
रनीश जैन, सिविल सेवा एक्सपर्ट
प्रदेश के किसी भी परीक्षा केन्द्र से गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली है। परीक्षा शांतिपूर्वक तरीके से सम्पन्न हुई है।
जगदीश, सचिव, लोक सेवा आयोग
भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा ने लगाया आरोप
भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में अव्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने कहा कि गलियों में परीक्षा केन्द्र बनाने से अभ्यर्थी वहां तक पहुंच नहीं सके।