Allahabad: यह पैराग्लाइडिंग और पैराशूट के द्वारा हवा में उडऩे से एकदम अलग एहसास होगा। वह इसलिए कि जितनी मर्जी होगी आप आसमान में उड़ सकेंगे आप। वर्षों से चली आ रही आसमान में उडऩे की मानव की कल्पना को साकार करेगा बेहद हल्का और हाईटेक प्लेन जेट मैन। अक्सर लोग किस्म किस्म की कल्पनाएं करते हैं। जिन्हें हकीकत में बदलने का काम हमारे साइंटिस्ट करते हैं.जेट मैन प्लेन का निर्माण ऐसा ही एक प्रयास है। बहुत जल्द हमें यह एयरोप्लेन देखने को मिलेगा। इसके इंजन को इंसान पीठ पर बांधकर देखते ही देखते आसमान में उड़ जाएगा.
बेहद छोटा और हल्का प्लेन
यूनिवर्सिटी में केए बनर्जी सेंटर में चल रहे रिफ्रेशर कोर्स के दौरान प्रो। आरएस पंत ने बताया कि यह प्लेन बेहद छोटा और हल्का होगा। इसकी यह खासियत होगी कि इसे कोई भी एक आदमी अपने दोनों हाथों की हेल्प से उड़ा सकेगा। हालांकि, इसके लिए उसे अच्छी तरह से ट्रेनिंग लेनी होगी, वरना दुर्घटनाएं भी होंगी। इंडिया में अभी इस तरह का प्लेन सक्सेस नहीं है। लेकिन फ्यूचर में इसकी सवारी का आनन्द लेना डिफिकल्ट नहीं होगा.
अभी काफी खर्चीली है सवारी
फ्यूचर में हम जेट मैन अपनी बैक पर बांधकर हवा में उड़ान भर सकेंगे। यह प्लेन बनकर पूरी तरह से तैयार है, लेकिन अभी इसकी उड़ान काफी खर्चीली है। इसके कारण अभी यह मार्केट में पूरी तरह से अवेलेबल नहीं है। यही वजह है कि अभी लोगों को इस अद्भुत प्लेन के बारे में जानकारी भी नहीं है। साइंटिस्ट्स की कोशिश है कि सबसे पहले जेट मैन की उड़ान में खर्च होने वाले फ्यूल पर आने वाले एक्सपेंस को कम किया जाए। इसके अलावा कई ऐसी टेक्निकल रिक्वायरमेंट्स भी हैं जिन्हें अपग्रेड किया जा रहा है.
Report by-Vikash Gupta
बेहद छोटा और हल्का प्लेन यूनिवर्सिटी में केए बनर्जी सेंटर में चल रहे रिफ्रेशर कोर्स के दौरान प्रो। आरएस पंत ने बताया कि यह प्लेन बेहद छोटा और हल्का होगा। इसकी यह खासियत होगी कि इसे कोई भी एक आदमी अपने दोनों हाथों की हेल्प से उड़ा सकेगा। हालांकि, इसके लिए उसे अच्छी तरह से ट्रेनिंग लेनी होगी, वरना दुर्घटनाएं भी होंगी। इंडिया में अभी इस तरह का प्लेन सक्सेस नहीं है। लेकिन फ्यूचर में इसकी सवारी का आनन्द लेना डिफिकल्ट नहीं होगा.
अभी काफी खर्चीली है सवारी फ्यूचर में हम जेट मैन अपनी बैक पर बांधकर हवा में उड़ान भर सकेंगे। यह प्लेन बनकर पूरी तरह से तैयार है, लेकिन अभी इसकी उड़ान काफी खर्चीली है। इसके कारण अभी यह मार्केट में पूरी तरह से अवेलेबल नहीं है। यही वजह है कि अभी लोगों को इस अद्भुत प्लेन के बारे में जानकारी भी नहीं है। साइंटिस्ट्स की कोशिश है कि सबसे पहले जेट मैन की उड़ान में खर्च होने वाले फ्यूल पर आने वाले एक्सपेंस को कम किया जाए। इसके अलावा कई ऐसी टेक्निकल रिक्वायरमेंट्स भी हैं जिन्हें अपग्रेड किया जा रहा है.
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