बीटीसी छात्रों की स्कॉलरशिप के फार्म भरने में दिक्कत पर हाई कोर्ट गंभीर

हाईकोर्ट ने कहा, चार सप्ताह में मास्टर डाटा बेस तैयार करें या आवेदन आफलाइन लें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015-16 सत्र के बीटीसी कोर्ट के छात्रों को स्कॉलरशिप फार्म भरने के लिए प्रमुख सचिव को चार हफ्ते में मास्टर डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि बेबसाइट नहीं तैयार होती तो ऑफ लाइन फार्म स्वीकार किये जाये। शिक्षा सत्र में देरी होने के कारण छात्रों के फार्म वर्तमान बेबसाइट पर नहीं भरे जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि सत्र देरी से शुरू होने के कारण सरकार छात्रों को स्कालरशिप देने से इंकार नहीं कर सकती।

डाटाबेस में करें संशोधन

यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने ट्रिनिटी इंस्टीटयूट ऑफ एजूकेशन अबूपुर की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रतीक चन्द्रा ने बहस की। इनका कहना है कि सक्षम प्राधिकारी ने 12 अक्टूबर 15 को याची कॉलेज को बीटीसी कोर्स चलाने की अनुमति दी। 2015-16 सत्र की शुरूआत देरी से सितम्बर 2016 में हुई। विभाग ने जो साफ्टवेयर विकसित किया है। सत्र में देरी होने के कारण व स्कालरशिप फार्म स्वीकार नहीं कर पा रहा है। जिसके चलते पूरे प्रदेश के बीटीसी छात्रों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को डाटाबेस में संशोधन करने का आदेश दिया है। मास्टर डाटाबेस न बनने के कारण सरकार छात्रों के स्कालरशिप दावे पर विचार करने से इंकार नहीं कर सकती।