प्रयागराज ब्यूरो । फाफामऊ पुल पर गुरुवार सुबह हुए हादसे की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी किसी को हुई तो वह कर्मचारी, छात्र एवं मरीज रहे। सीबीएसई परीक्षा देने के लिए आ रहे छात्र सेंटर पर देर से पहुंचे। इसी तरह कर्मचारी भी समय से कार्यालय नहीं पहुंच सके। अधिकारियों व मरीजों की गाडिय़ों एवं एम्बुलेंस को रूट डायवर्ट करके पुलिस को निकालना पड़ा। सुबह पांच बजे से 11 बजे तक यह स्थिति बनी रही। दोपहर बारह बजे के आसपास बुलाई गई क्रेन पुल से ट्रक को खीचकर बाहर ले गई। इसके बाद आवागमन बहाल सका। इतना ही नहीं लोगों के घरों में दूध की सप्लाई करने के लिए आने वाले दूधिया भी टाइम से लोगों के घर नहीं पहुंच सके। जाम की वजह से शहर में एमएनआईटी तक तो फाफामऊ साइड बाईपास के आगे पानी टंकी तक गाडिय़ों की कतार लगी रही।

परीक्षा में देर से पहुंचे सैकड़ों छात्र
सरकारी विभागों व प्राइवेट कंपनियां के तमाम अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो घर से ड्यूटी के लिए अप-डाउन करते हैं। शहर में पढऩे वाले तमाम छात्र भी गंगा नगर से शहर आया जाया करते हैं। दूध की बड़े पैमाने पर शहर में सप्लाई गंगा नगर एरिया से ही होती है। इन सभी लोगों के आवागमन का फाफामऊ पुल ही एक मात्र जरिया है। गुरुवार को सुबह पांच बजे पुल हुए हादसे की वजह से इन सभी लोगों के कार्यों पर बड़ा असर पड़ा। गुरुवार को
सीबीएसई की परीक्षा था। परीक्षा में शामिल होने के लिए सैकड़ों द्वारों को शहर आना था। पुल पर जाम की वजह से वह सारे छात्र फंसे रहे। बताते हैं कि ऐसी स्थिति में वह परीक्षा में देर से पहुंचे। इस जाम का असर सीधा उनकी परीक्षा पर पड़ा।


जाम में फंसी रही चाय की चुस्की
सैकड़ों कर्मचारी व अधिकारी गंगानगर व प्रतापगढ़ से लेकर कुंडा तक प्रति दिन शहर से ही जाकर ड्यूटी करते हैं। इसी तरह प्रतापगढ़ और कुण्डा व गंगा नगर इलाके से उतने ही कर्मचारी व अधिकारी शहर आकर नौकरी करते हैं। पुल पर लगे जाम की वजह से यह लोग भी समय से दफ्तर नहीं पहुंच सके। समस्या को देखते हुए पुलिस को रूट डायवर्ट कराना पड़ा। फंसे हुए कर्मचारियों के पास निजी साधन था वह भी किसी तरह बदले हुए रूट से दफ्तर पहुंचे। फिर भी उन्हें कार्यालय पहुंचे में देर हो ही गई। एम्बुलेंस और मरीजों की गाडिय़ों को भी बदले हुए रूट से पुलिस को निकालना पड़ा। सुबह-सुबह लोगों के घर दूधिया भी जाम में फंसे होने के कारण टाइम से दूध की सप्लाई नहीं दे सके। ऐसी स्थिति में जो लोग घर पर थे उनकी भी दिनचर्या पर इस जाम का काफी असर पड़ा। क्योंकि बगैर दूध के ऐसे लोगों को सुबह की चाय भी दोपहर में नसीब हुई। हालांकि कुछ लोग पैकेट वाले दूध से चाय बनाकर अपनी तलब पूरी किए।