ट्यूमर की शिकायत पर कराया ऑपरेशन तो आश्चर्यचकित हुए डॉक्टर

ट्यूमर ने ले लिया था बच्चे का रूप

ALLAHABAD: सभी को पता है कि किसी पुरुष के पेट में गर्भ नहीं ठहर सकता है। कोई पुरुष बच्चे को जन्म नहीं दे सकता है। लेकिन, अपने इलाहाबाद में एक ऐसा अजूबा सामने आया है, जिसने इस सत्य पर सवालिया निशान लगाते हुए यह साबित कर दिया है कि पुरुष के पेट में भी गर्भ ठहर सकता है। ऑपरेशन के बाद युवक के पेट से अविकसित बच्चा निकाला गया। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नारायण स्वरूप हॉस्पिटल में हुए सफल ऑपरेशन के बाद यह मेडिकल अजूबा सामने आया है।

बचपन से थी पेट में गांठ

हरियमपुर बीखपुर गांव निवासी 18 वर्षीय नरेंद्र कुमार के पेट में बचपन से ही दर्द रहता था जो इलाज कराने के बाद ठीक हो जाता था। उम्र बढ़ने के साथ दर्द भी बढ़ने लगा। भूख-प्यास कम होने लगी और उसने खाना-पीना करीब-करीब बंद कर दिया। कई जगह इलाज कराने के बाद जब नरेंद्र ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नारायण स्वरूप हॉस्पिटल में जांच कराया तो अल्ट्रासाउण्ड, एक्सरे व सीटी एब्डोमेन से पता चला कि उसके पेट के बाएं हिस्से में बड़ा सा ट्यूमर है, जो अविकसित बच्चे के रूप में दिख रहा है।

इसे कहते हैं फिटस इन फिटू

एक्सरे और अल्ट्रासाउण्ड में अविकसित बच्चे के रूप में ट्यूमर का पता चलने के बाद नारायण हॉस्पिटल के डा। राजीव सिंह, डा। सोनिया सिंह, डा। नीरज गुप्ता, डा। कमल सिंह, डा। सोनिया सिंह, डा। नीरज गुप्ता, डा। कमल सिंह की टीम ने नरेंद्र कुमार का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद नरेंद्र के पेट से अविकसित बच्चे का सिर, दांत, रीढ़ की हड्डियां, सीने की हड्डियां, दो फीट लम्बा बाल का गुच्छा मिला। युवक के पेट से अविकसित बच्चा मिलने के बाद डा। राजीव सिंह ने बताया कि इसे फिटस इन फिटू कहते हैं। इसके तहत मां के गर्भ में ट्वीन बेबी पलता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक बेबी दूसरे के पेट में चला जाता है और मां को इसका पता नहीं चलता है।

Fact file

पांच लाख में एक बच्चे में पाए जाते हैं इस तरह के लक्षण

जो होते हैं फिटस इन फिटू के शिकार

पूरे देश में अब तक करीब 90 केस फिटस इन फिटू के आ चुके हैं सामने

इलाहाबाद में सामने आया 91वां केस

1999 में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में 36 वर्ष के आदमी के पेट से निकाला गया था अविकसित बच्चा