पांच दिवसीय 'हंडिया माटी कथक महोत्सव' 11 से

ALLAHABAD: संगम नगरी हमेशा से अपनी कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनिया में फेमस है। अब भारतीय संस्कृति का भव्य स्वरूप प्रस्तुत करने वाला कथक नृत्य का केन्द्र भी जिले की हंडिया तहसील बनने वाली है। इलाहाबाद-वाराणसी के मध्य शेरशाह सूरी मार्ग स्थित हंडिया का किचकिला गांव कथक स्मारक के रूप में विकसित होगा। इस मुहिम में जुटी प्रख्यात कथक गुरु उर्मिला शर्मा बताती हैं कि बैरगिया नाला से भदोही तक का क्षेत्र कथक नृत्य, भारतीय वाद्ययंत्रों, गीत, संगीत के विकास का क्षेत्र रहा है। मुगलकाल के पहले यहां रहने वाली जातियां शास्त्रीय नृत्य की जन्मदाता थीं। लच्छू महाराज, बिरजू महाराज, सितारा देवी, किशन महाराज जैसी अंतरराष्ट्रीय ख्याति वाली विभूतियां हंडिया क्षेत्र की संतानें हैं।

शुरू होने वाला है सर्वेक्षण कार्य

कथक स्मारक के और हंडिया को उसका हब बनाने के बारे में बताते हुए कथक नृत्यांगना उर्मिला शर्मा ने बताया कि केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय व पर्यटन मंत्रालय इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए सर्वेक्षण शुरू करने जा रहा है। इसी कड़ी में लच्छू महाराज के गांव किचकिला में उन्होंने कथक स्मारक का निर्माण कराया है। इसके तहत 11 नवंबर से हंडिया पीजी कालेज प्रेक्षागृह में पांच दिवसीय 'हंडिया माटी कथक महोत्सव' का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव में पद्म विभूषण बिरजू महाराज (किचकिला), केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (भदारी), न्यायमूर्ति वीके शुक्ल (घीसापुर), डॉ। देवराज सिंह (नेवादा), गुरु उर्मिला शर्मा (बींदा), पूर्व विधायक स्व। भुवर (ऋषिपुर), कथक क्वीन स्व। सितारा देवी (कनकपुर) को 'हंडिया माटी रत्‍‌न' से सम्मानित किया जाएगा। संयोजक हरिनारायण मिश्र ने बताया कि प्रतिदिन देश के नामी कलाकार अलग-अलग प्रस्तुति देंगे।